-सालों से निष्क्रिय पड़े कानूनों को बदलने की कवायद

-पहले चरण में चयनित किए गए हैं 19 कानून

देहरादून: राज्य में कई कानूनों को बदलने की कवायद तेज हो गई है। राज्य विधि एवं परिसीमन आयोग इसमें जुट गया है। राज्य के तमाम उन कानूनों बदलने की कवायद की जा रही है जो कई सालों से निष्क्रिय पड़े हैं। शुक्रवार को सचिवालय में हुई विधि एवं परिसीमन आयोग की बैठक के बाद आयोग के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने बताया कि पहले चरण में ऐसे 19 कानून चयनित किए गए हैं। इन्हें संशोधन के लिए कानून दिवस यानि 26 नवंबर के दिन सीएम को सौंपने का फैसला किया गया है।

एक ही कानून में मर्ज होंगे 4 कानून

इस वक्त राज्य में भूमि संबंधी चार कानून हैं। इन सभी को एक ही कानून में शामिल करने पर बैठक में सहमति बनी है। आयोग एक भूमि कानून बनाने के लिए राजस्व विभाग स्तर से एक कमेटी का गठन कर कार्यवाही के लिए सरकार को संस्तुति भेजेगा। दरअसल, राज्य गठन के बाद यहां उत्तर प्रदेश के जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1980 कुछ संशोधन के साथ हूबहू लागू कर दिया गया। कुमाऊं क्षेत्र में कुमाऊं जमींदारी एक्ट तथा जौनसार क्षेत्र में जौनसार बाबर एक्ट लागू हैं।