-अप्वाइंटमेंट के समय पर ही ऑफिस पहुंचेंगे परीक्षार्थी

-ऑनलाइन मिलेगा ऑनलाइन टेस्ट का समय

देहरादून। लर्निग लाइसेंस बनाने के लिए आरटीओ की ओर से राहत की खबर है। अब रोजाना 125 लर्निग लाइसेंस रोजाना बन सकेंगे। पहले दिन आरटीओ ने 124 एप्लीकेंट्स के लाइसेंस तैयार किए। इससे पहले कार्यालय में 100 लर्निग लाइसेंस ही रोजाना बन पा रहे थे। लोगों की डिमांड के चलते इस संख्या को बढ़ाया गया है। कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन के कारण लाइसेंस नहीं बन पाने के कारण लगातार लाइसेंस पेंडिंग चल रहे हैं। ऐसे में विभाग की ओर से लाइसेंस की संख्या धीरे-धीरे बढ़ाई जा रही है।

कोरोना के कारण लगाई थी पाबंदी

कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन के चलते सभी विभागों मे ंलोगों की एंट्री पर रोक लगी थी। ऐसे में पब्लिक डीलिंग से संबंधित कोई भी काम आरटीओ कार्यालय में नहीं हो रहे थे। इससे लर्निग लाइसेंस बनाने के लिए लगातार पेंडेंसी चल रही थी। धीरे-धीरे यह संख्या हजारों में पहुंच गई थी। आलम यह था कि अनलॉक 3.0 में 9 हजार से ज्यादा आवेदन पेंडिंग हो गए थे।

लगातार बढ़ाई गई संख्या

कोरोना संक्रमण के दौरान आरटीओ में लोगों की एंट्री बंद होने के कारण पूरी तरह से बंद था। अनलॉक-3 में आरटीओ कार्यालय में लर्निग लाइसेंस बनने शुरू हुए। शुरुआत में 20 लाइसेंस, दो माह बाद 40 और एक माह बाद 75 तक पहुंचे। इसके बाद फरवरी माह में 100 लर्निग लाइसेंस बने। इसके बाद भी लगातार आ रही डिमांड को देखते हुए अब आरटीओ ने इन आवेदन की संख्या को बढ़ाकर 125 कर दिया है। अब रोजाना 125 आवेदन रोजाना आरटीओ कार्यालय में लिए जायेंगे। जिनमें 65 टू व्हीलर और 60 फोर व्हीलर चालकों के लाइसेंस बनेगें। वहीं अधिकारी उम्मीद जता रहे है कि आवेदन करने के 15-20 दिन में लोगों के लर्निग लाइसेंस बन सकेंगे।

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी

आटीओ के अनुसर लाइसेंस बनवाने वालों के लिए एप्लीकेंट्स की संख्या को खोल दिया। लेकिन कोविड की गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा। आरटीओ में जाने से पूर्व मास्क पहनकर जाना जरूरी होगा। एआरटीओ ने बताया कि आरटीओ कार्यालय में परीक्षा देने के लिए केवल एप्लीकेंट्स को ही एंट्री मिलेगी। सभी को उनके रजिस्टर्ड नम्बर पर स्लॉट दिया जाएगा।

बार-बार सीएम पोर्टल पर लर्निग लाइसेंस बनाए जाने की संख्या को बढ़ाने की डिमांड मिल रही थी। ऐसे में पब्लिक की सुरक्षा और कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए संख्या को बढ़ाया गया है। ताकि अधिक से अधिक लाइसेंस बन सके।

द्वारिका प्रसाद, एआरटीओ देहरादून