RAMNAGAR: क्ब् मार्च को हरिद्वार में पकड़ी गई बाघ की पांच खालों में से चार कॉर्बेट टाइगर रिजर्व मौजूद बाघों से मैच कर गए। इसके बाद सीटीआर के निदेशक समीर सिन्हा ने स्वीकार किया कि मारे गए बाघों में चार कार्बेट के थे। साथ ही यह सफाई भी दी कि बाघ स्थान बदलते रहते हैं, ऐसे में शिकार कहां हुआ यह अभी कह पाना संभव नहीं। बाघों की गणना कैमरा ट्रैप से होती है। हर बाघ की धारियां अलग-अलग होती हैं। एक विशेष साफ्टवेयर से उनकी पहचान की जाती है। कार्बेट पार्क में मौजूद बाघों के धारियों से बरामद खाल की मिलान कराई गई। रविवार रात हरिद्वार में स्पेशल टास्क फोर्स ने पांच बाघों की खाल व कुछ हड्डियों के साथ रामचंद्र को पकड़ा था। पूछताछ के दौरान कॉर्बेट से बाघों को मारने की बात सामने आई थी। इस बात को कॉर्बेट के अधिकारी अफवाह बता रहे थे। इसके बाद जांच में जो तथ्य सामने आया उसने अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी। विभागीय सूत्र बताते हैं कि एक बाघ का शिकार कार्बेट से लगी बिजनौर(उप्र) वन प्रभाग के बड़ापुर जंगल में किया गया। जबकि तीन बाघ कॉर्बेट टाइगर रिजर्व वन प्रभाग के अंतर्गत सोनानदी रेंज में मारे गए।