देहरादून ब्यूरो। दरअसल अनिल कुमार रामनाथ जायसवाल की शराब की दुकान पर सेल्समैन था। पिछले वर्ष 30 मार्च को अनिल कुमार की डेथ हो गई थी। समझा जाता है कि जायसवाल ने सेल्समैन की नौकरी देते वक्त अनिल कुमार से कुछ दस्तावेज जमा करवाये थे। जो उसके पास मौजूद थे। इन्हीं दस्तावेज के आधार उसने अनिल कुमार के नाम पर कारगी चौक और डालनवाला में शराब की दुकानें हासिल कर ली।

फर्जी दस्तावेज जमा किये
परिजनों के अनुसार कुछ समय पहले उनके पास आबकारी विभाग का नोटिस पहुंचा, जिसमें बकाया 1 करोड़ 66 लाख रुपये जमा करने के लिए कहा गया था। इस नोटिस से वे डर गये। इसके बाद आरटीआई से जानकारी हासिल की गई तो पता चला कि रामनाथ जायसवाल ने शराब की दुकानें लेने के लिए बैंक गारंटी सहित जो कागजात लगाये थे, वे सभी फर्जी थे। अनिल कुमार की पत्नी की ओर से अब थाना शहर कोतवाली में रामनाथ जायसवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है।

63 शराब की दुकानों पर छापे
इस बीच सिटी में शराब की ओवर रेटिंग को लेकर आबकारी विभाग ने शराब की 63 दुकानों पर छापे मारे हैं। जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि 3 दुकानों में स्टॉक रजिस्टर का मिलान नहीं होने पर 30 हजार जुर्माना लगाया गया है। 63 दुकानों का देर रात तक निरीक्षण किया जा रहा था। खास बात यह है कि आबकारी विभाग पिछले कई दिनों से शराब की दुकानों के खिलाफ कार्रवाई करने के दावे कर रहा है। लेकिन दुकानों पर ओवर रेंटिंग का सिलसिला बंद नहीं हुआ है। आबकारी विभाग ने शराब की दुकानों पर यहां ओवर रेटिंग नहीं होती का बैनर लगाने के निर्देश दिये हैं। ये बैनर हर दुकान पर लग गये हैं, लेकिन ओवर रेटिंग बंद नहीं हुई है। आबकारी विभाग छापे मारकर चेक कर रहा है कि बैनर लगा है या नहीं। जबकि ठेकों पर बैनर लगाने के बाद भी ओवर रेटिंग की जा रही है।