- परिवहन निगम के 250 रिटायर्ड कर्मचारियों को नहीं मिला ग्रेच्युटी और नकदीकरण का पैसा

- कई सालों से अपने पैसे के लिए कर्मचारी काट रहे हैं निगम के चक्कर

DEHRADUN: उत्तराखंड परिवहन निगम करोड़ों के घाटे में चल रहा है। निगम की आमदनी कम और खर्चे बढ़े हुए हैं। सरकार पर निगम का करोड़ों का बकाया है जिसका भुगतान नहीं हो रहा और नई बसों की किस्त के रूप में भी निगम को करोड़ों रुपए हर महीने जमा करने होते हैं। इस पूरी स्थिति के कारण निगम अपने रिटायर्ड कर्मचारियों को भी उनकी कमाई हुई रकम भी नहीं दे पा रहा। करीब ढाई सौ रिटायर्ड कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद नकदीकरण और ग्रेच्युटी की रकम अब तक नहीं मिल पाई है। इसको लेकर कर्मचारी कई बार आंदोलन भी कर चुके हैं।

ख्8 करोड़ रुपया है बकाया

साल ख्0क्फ् से अब तक परिवहन निगम से ढाई सौ से भी ज्यादा कर्मचारी रिटायर्ड हो चुके हैं। इन कर्मचारियों की ग्रेच्युटी और छुट्टियों के नकदीकरण का पैसा निगम अभी तक नहीं दे पाया है। इन दोनों मदों में रिटायर्ड कर्मचारियों का परिवहन निगम पर ख्8 करोड़ रुपए का बकाया है।

ऐसे है निगम घाटे में

ख्0क्फ् की आपदा के दौरान परिवहन विभाग की बसें यात्रियों को इधर उधर ले जाने में लगाई गई थीं, इस पर ख्फ् करोड़ रुपए का खर्चा आया, जिसका भुगतान सरकार अभी तक नहीं कर पाई है। इसके अलावा सरकार द्वारा दी जा रही फ्री परिवहन सेवा के तहत भी ख्ख् करोड़ क्क् लाख रुपए निगम के खर्च हो चुके हैं। यह राशि भी निगम को सरकार ने देनी है, निगम को इस रकम का भी इंतजार है। इसके अलावा चुनाव ड्यूटी में निगम की बसें ली गई थीं, जिनपर ब् करोड़ का खर्चा आया, यह बकाया भी अभी तक उसे नहीं मिल पाया है। निगम को इस घाटे से उबरने के लिए भ्0 करोड़ की मोटी रकम चाहिए।

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परिवहन निगम विभागीय अधिकारी और सरकार की वजह से घाटे में गया है। निगम का बकाया अगर सरकार से मिल जाए तो निगम घाटे से उबर जाएगा।

रामचन्द्र रतूड़ी, प्रदेश महामंत्री रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद।