देहरादून (ब्यूरो) सीएस ने ने मंडुआ, झंगोरा व चौलाई का उत्पादन बढ़ाने व सप्लाई चेन को बेहतर बनाने के लिए थर्सडे को विधानसभा भवन में हाउस ऑफ हिमालया और मिलेट मिशन की बैठक ली। सीएस ने कृषि एवं उद्यान विभाग को प्रदेश में अनुपयोगी, घाटिया जमीनों को चिन्हित कर उनमें मंडुआ, झंगोरा व चौलाई के बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए कहा है। सीएस ने कहा कि ये कार्य फेजवाइज किया जाना चाहिए। इसका संचालन महिला स्वयं सहायता समूहों को प्राथमिकता से दिया जाना चाहिए। सीएस ने कहा है कि मंडुआ, झंगोरा, चौलाई तथा अन्य लोकल प्रोडक्ट्स के प्रोडक्शन व प्रोक्यूरमेंट को बढ़ाने के लिए कृषि व उद्यान विभाग के साथ सहकारिता विभाग को भी सक्रिय भूमिका निभानी होगी।

इनपुट कॉस्ट की स्टडी
इस दिशा में सीएस ने उत्तराखंड स्टेट कोऑपरेटिव फेडरेशन (यूसीएफ) व हाउस ऑफ हिमालया (एचओएच) के बीच एमओयू किये जाने के लिए कहा है। सीएस ने झंगोरा व चौलाई की एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को लेकर प्रस्ताव बनाने के बारे में इनपुट कॉस्ट की स्टडी के लिए भी कहा है।

मंडुआ व झंगोरा के प्रोडक्ट्स
निर्देश दिए गए है कि विधानसभा से लेकर सचिवालय, गढ़वाल मंडल, कुमाऊं मंडल विकास निगम, सरकार भवनों के साथ इंस्टीट्यूशंस में परोसे जाने वाले फूड प्रोडक्ट में मिलेट्स मंडुआ, झंगोरा आदि का उपयोग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

लोकल मिलेट्स को बढ़ावा
सीएस ने महिला विकास एवं बाल कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग को महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य विकास के लिए मंडुआ, झंगोरा, चौलाई जैसे स्थानीय मिलेट्स को प्रोत्साहित करने के लिए कहा है। कहा, इस कार्य में एएनएम, आशा वर्कर्स व आंगनबाड़ी की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

मार्केटिंग के लिए होगा मंथन
राज्य के अंब्रेला ब्रांड हाउस ऑफ हिमालया की मजबूती के लिए व लोकल प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग के लिए सीएस ने नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के बड़े स्थापित ब्रांड्स की कार्यप्रणाली के स्टडी के लिए भी कहा है। निर्देश दिए गए हैं कि उत्तराखंड के लोकल प्रोडक्ट्स के लिए प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करने वाले हाउस ऑफ हिमालया के तहत उत्पादों की गुणवत्ता और प्रमाणीकरण का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।

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