-मुख्य नगर अधिकारी को पत्र लिखकर मानसिक रूप से प्रताडि़त होने का लगाया आरोप

-कर्मचारियों ने न्यायालय जाने की दी चेतावनी

HARIDWAR: नगर निगम के कर्मचारी काम के बोझ तले दबे हुए हैं। काम अधिक होने के कारण कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों ने मुख्य नगर अधिकारी को पत्र लिखकर मानसिक रूप से प्रताडि़त होने का आरोप लगाया है। कर्मचारियों ने न्यायालय जाने की चेतावनी भी दी है।

नगर निगम में कर्मचारियों की संख्या है कम

नगर निगम में पद के सापेक्ष कर्मचारियों की संख्या कम है, जबकि कार्य विभाजन सही तरीके से न होने के कारण कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। नगर निगम में कनिष्ठ लिपिक का कार्य वरिष्ठ लिपिक एवं वरिष्ठ लिपिक का कार्य कनिष्ठ लिपिक देख रहे हैं। इसी के चलते कर्मचारियों पर काम अधिक हो गया है। जबकि, कुछ लिपिक खाली घूम रहे हैं। इस पर कर्मचारियों ने आपत्ति जताकर मुख्य नगर अधिकारी विप्रा त्रिवेदी, मेयर मनोज गर्ग एवं शासन को पत्र लिखा है, जबकि कुछ अनुभाग के कर्मियों ने मौखिक भी अवगत कराया है। इनमें सूचना का अधिकार का कार्य देख रहे लिपिक, निर्माण अनुभाग एवं लेखा अनुभाग में तैनात लिपिक ने काम अधिक होने की शिकायत की है। एमएनए विप्रा त्रिवेदी ने बताया कि कर्मचारियों की शिकायतों व समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा।

केस वन- सहायक नगर अधिकारी कार्यालय में तैनात लिपिक इंद्र सिंह रावत के पास सूचना का अधिकार एवं नगर निगम बोर्ड की बैठक के दौरान प्रोसे¨डग दर्ज करने का कार्य है। एक महीने में करीब डेढ़ सौ सूचनाएं आवेदकों की ओर से सूचना का अधिकार के तहत मांगी जाती हैं। इस पर लिपिक इंद्र सिंह रावत को एक कार्य से मुक्त करने के लिए सहायक नगर अधिकारी र¨वद्र दयाल ने एमएनए को पत्र लिखा है।

केस टू- निर्माण अनुभाग में तैनात सुधाकर भट्ट की ओर से मुख्य नगर अधिकारी को पत्र लिखा गया है। पत्र में लिपिक सुधाकर भट्ट ने बताया कि निर्माण अनुभाग में चार से पांच लिपिक तैनात होते थे, लेकिन सेवानिवृत्त होने के चलते कर्मचारियों की संख्या कम हो गई है। अब सुधाकर भट्ट को अकेले ही बतौर लिपिक सूचना के तहत जानकारी देने, नक्शा, अ‌र्द्धकुंभ के अंतर्गत होने वाले कार्यों के संबंध में पत्र तैयार करने आदि कार्य देखने पड़े हैं। इस पर लिपिक सुधाकर भट्ट ने अधिक कार्य के चलते मानसिक दबाव होने की बात कही है। उन्होंने अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनात की मांग की है। उन्होंने पत्र में यह भी कहा कि अगर कोई काम में लापरवाही होती है तो वह जिम्मेदारी नहीं होंगे।

एक कर्मचारी पर सूचना देने की जिम्मेदारी

नगर निगम में आरटीआई के तहत सूचनाएं मांगने जाने का ग्राफ काफी है। लेकिन, सूचना उपलब्ध कराने एवं तैयार करने की जिम्मेदारी एक ही कर्मचारी को सौंपी गई है। जबकि सेल का गठन नहीं किया गया है। इससे समय से सूचना आयोग को उपलब्ध कराने में अधिकारियों के पसीने छूट जाते हैं, लेकिन इसके बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

ऑफिशियल स्टैंड

वर्ष ख्0क्क् में लिपिकों के स्थानांतरण हुए थे। कुछ लिपिकों ने से¨टग के तहत स्थानांतरण रुकवा लिए थे.राजनैतिक प्रभाव के चलते कुछ लिपिक मौज काटते हैं, जबकि कमजोर वर्ग के कर्मियों से अधिक काम व शोषण किया जा रहा है। इस संबंध में एमएनए, मेयर व शासन को शिकायत की गई है।

रमेश छाछर, अध्यक्ष, नगर निकाय कर्मचारी महासंघ