देहरादून (ब्यूरो)। एसटीएफ के एसएसपरी आयुष अग्रवाल ने बताया कि काशीपुर निवासी राजीव ढेंगे नाम व्यक्ति ने ऊधमसिंह नगर में इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई थी। उनका कहना था कि उनसे किसी अज्ञात व्यक्ति ने ईमेल के माध्यम से सम्पर्क कर खुद को इनकम टैक्स डिपार्टमेन्ट का अधिकारी बताया। उन्हें इनकम टैक्स रिर्टर्न भरने और इनकम टैक्स रिफंड करने सम्बन्धी मेल भेजी गई। जब उन्होंने उक्त व्यक्ति ने संपर्क किया तो उसने उनके खाते की जानकारी ले ली और 25 लाख रुपये का ऑनलाइन लोन ले लिया। लोन उनके खाते में आया, लेकिन उसमें से उक्त व्यक्ति ने 9 लाख 50 हजार रुपए धोखाधडी से निकाल दिये। पुलिस ने केस दर्ज कर मामला एसटीएफ के थाना साइबर क्राइम देहरादून को ट्रांसफर कर दी।

एसटीएफ ने की पहचान
मामले की जांच के लिए एसटीएफ ने एक टीम का गठन किया और सीसीपीएस यूनिट ने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सदस्यों की पहचान कर ली। एक नाइजीरियन नागरिक इस मामले में प्रमुख भूमिका सामने आई। यह भी पता चला कि इस गिरोह को एक नाइजीरिन ही संचालित करता है। उनकी गिफ्तारी के लिए पिछले एक महीने से एसटीएफ देश के विभिन्न राज्यो में दबिश दे रही थी। इसी दौरान पता चला कि इस घटना का मोस्ट वांटेड हैदराबाद में केश में कुछ दिन से सैन्ट्रल जेल हैदराबाद में बंद है। एसटीएफ वारंट बी हासिल कर आरोपी को देहरादून ला रही है। इस मामले में नाइजीरियन गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश भी एसटीएफ द्वारा की जा रही है।

आरोपी पर कई केस दर्ज
इस आरोपी की पहचान इफीने कोलिन पुत्र चिक्वेंड़ के रूप में हुई। फिलहाल वह बेंगलुरु कर्नाटका में रह रहा है और मूल रूप में आबिया नाइजीरिया का रहने वाला है। उसके खिलाफ कर्नाटका, गोवा और उत्तराखंड में साइबर ठगी के 6 मुकदमें दर्ज हैं। सबसे ज्यादा तीन मुकदमें हैदराबाद के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। इन्हीं में से एक मामले में वह हैदराबाद की सेंट्रल जेल में था। जहां से एसटीएफ वारंट बी पर उसे देहरादून लेकर आ रही है।

लालच में आने से ठगी
स्पेशल टॉस्क फोर्स उत्तराखंड के एसएसपी आयुष अग्रवाल का कहना है साइबर ठगी के ज्यादातर मामले लालच में आने के कारण हो रहे हैं। उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों, फर्जी साइट, धनराशि दोगुना करने वाले अनजान लोगों के झांसे में न आयें। किसी भी ऑनलाइन ट्रेडिंग साइट और लॉटरी, इनाम जीतने और अच्छे रिटर्न के लालच में आकर धनराशि न दें। अपनी व्यक्तिगत जानकारी और महत्वपूर्ण डाटा शेयर करने से बचना चाहिये। किसी भी प्रकार की अनजान साइट की पूर्ण जानकारी व स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भली-भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें। कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें। कोई भी वित्तीय साइबर धोखाधड़ी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर हेल्पलाइन 1930 या साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में सम्पर्क करें।