- पैरेन्ट्स करें कप्लेन तो स्कूल में बच्चों को किया जा रहा ट्रॉचर, दूसरे स्कूल भेजने पर मजबूर

देहरादून, 09 अप्रैल (ब्यूरो)।
अप्रैल में नया सेशन शुरू होने के बाद स्कूल्स की मनमानी जारी हैं। पैरेंट्स ने इस संबंध मुख्य शिक्षा अधिकारी समेत बाल आयोग से लेकर सभी जिम्मेदार अधिकरियों से शिकायत कर चुके। लेकिन फीस बढ़ोत्तरी, बुक्स और ड्रेस को लेकर कप्लेन कर चुके। जिस पर अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई है। जबकि, पिछले साल की सौ से ज्यादा कंप्लेन पेंडिंग है। जबकि, एक साल बीतने के बाद भी उन कंप्लेन पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। अब इस बार भी 60 से ज्यादा शिकायत बाल आयोग में ही दर्ज हो चुकी है। शिक्षा विभाग की ओर टोल फ्री नम्बर भी जारी कर दिया है। अब इसके बाद पैरेन्ट्स की परेशानी कम नहीं हो पा रही हैं।

आज तक नहीं बन पाए बुक बैंक
अप्रैल माह के शुरू होते ही स्कूल से संबधित सैकड़ो शिकायत बाल आयोग में दर्ज होती हैं। जिस पर आयोग की ओर से स्कूल प्रबंधक को अवेयर भी किया जाता है। लेकिन, इसके बाद भी रिजल्ट नहीं निकल पा रहे हैं।

ये मिल रही शिकायत
-डबल ड्रेस खरीदने का बना रहे दबाव।
-स्कूल ने सभी क्लासेस की बुक्स चेंज कर दी।
-स्कूल की ओर से मिलने वाले फीस में छूट को भी कैंसल कर दिया गया है।
-स्कूल के प्रिंसिपल पैरेंन्ट्स से बातचीत से बच रहें।
-पेंडिंग फीस पर नहीं दे रहे टीसी।
-बच्चों के रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रही।
-एक सब्जेक्ट की एक्स्ट्रा बुक लगा रहे।
-जबरन कलर और क्रेयॉन खरीदने के लिए बना रहे दबाव।
- वैन की फीस जमा करने के लिए बना रहे दबाव।

शिकायत करने पर बच्चों को किया जा रहा ट्रॉचर
पेरेंन्ट्स ने बताया कि पैरेन्ट्स की ओर से किसी भी तरह की शिकायत करते है तो स्कूल की ओर से स्टूडेंट को टॉचर किया जा रहा है। जिससे परेशान पैरेन्ट्स स्कूल को छोड़कर अपने बच्चे को दूसरे स्कूल्स में एडमिशन करने को मजबूर होना पड़ रहा है। यहीं कारण है कि पैरेन्ट्स खुलकर कप्लेंन नहीं कर पा रहे हैं।

सबसे ज्यादा फीस की कप्लेन
बाल आयोग के अधिकारियो के नया सेशन शुरू होने के बाद स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो गई है। वहीं बुक्स, ड्रेस कर खरीदारी शुरू हो चुकी है। ऐसे में स्कूल संचालक की शह पर कमीशन का खेल जारी है। शहर के कुछ बड़े स्कूलों की ओर से बुक्स सेट पद भी सौ फीसदी से अधिक वृद्धि की गई है। वहीं, कुछ में 75 फीसदी इजाफा किया गया है। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग, बाल आयोग से भी शिकायत की गई है।

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यहां कर सकते है कप्लेन -:
ये बाल आयोग को यहां करें कॉल
फोन : -9258127046
9897964000
ईमेल आईडी-क्रह्यष्श्चष्ह्म्।ह्वद्मञ्चद्दद्वड्डद्बद्य।ष्शद्व
शिक्षा विभाग को यहां करें कॉल
यहां करें कॉल -:
0135-2767028
ईमेल आईडी -क्रस्रद्गद्धह्म्ड्डस्रह्वठ्ठ।स्रद्बह्म्ञ्चद्दद्वड्डद्बद्य।ष्शद्व

विभाग के आदेश का नहीं कर रहे पालन
शिक्षा विभाग की ओर स्कूलों पर लगाम लगाने के लिए समिति बनाई गई थी। इसके तहत सभी स्कूलों को इन नियमों का पालन करना जरुरी होगा। जो निम्न प्रकार से हैं। :-
-प्राइवेट स्कूल को एनसीईआरटी की ओर से निर्धारित पाठ्य-पुस्तकों को विद्यालय में लागू किया होगा।
-प्राइवेट स्कूल की ओर से लिये जाने वाले फीस की स्थिति एवं विगत वर्षों में की गयी फीस वृद्धि का विवरण देना होगा।
-प्राइवेट स्कूल में आरटीई के तहत एडमिशन किए हुए स्टूडेंट का क्लासवाइज ब्यौरा व फीस के प्रमाण पत्र
-प्राइवेट स्कूल आरटीई मानकों व फायर उपकरण, एंट्री व एक्जिट की स्थिति, कक्षा-कक्षों की स्थिति, पेयजल, शौचालय, लाइब्रेरी, स्पोट्स के लिए स्थान
- प्राइवेट स्कूल बुक्स व अन्य सबंधित तय किए गए निश्चित् दुकानदार व कितने समय बाद विद्यालय ने बुक्स बदली।

वर्जन -:
नया सेशन शुरू होते ही स्कूल की मनमानी शुरू हो जाती है। बुक्स के मनमाने दाम जहां दुकानदार कर देते है। फीस में भी स्कूल की ओर से मनमाने पैसे वसूले जा रहे है। जिस विषय में हर स्तर पर शिकायत की जा चुकी है। लेकिन कार्रवाई अब तक कुछ भी नहीं हो पाई।
चमन सिंह , पेरेंट्स

अचानक फीस को कई बढ़ा दिया गया है, इससे पेरेंट्स परेशान है। बुक्स और ड्रेस की खरीदारी को लेकर भी स्कूल मनमानी पर है। इतना ही नहीं अगर इस मामले में शिकायत कर रहे है तो कार्रवाई तो हो नहीं पा रही है। लेकिन, बच्चों को ट्रॉचर करने की परेशानी हो रही है। ऐसे में क्या करें पैरेन्ट्स।:-
नैम खान, पैरेन्ट्स


सभी स्कूलों को एनसीईआरटी की बुक्स लगानी चाहिए। लेकिन, प्राइवेट स्कूल की ओर से प्राइवेट पब्लिशर्स की बुक्स लगा कर मनमानी की जा रही है। इस पर जानकारी मिल रही है कि इस साल जुलाई के बाद एनसीईआरटी भी बदल जाएगी। जबकि, स्कूल के पेरेंट्स बुक्स खरीद चुके हैं।
:- विजय शर्मा, पैरेन्ट्स


नया सेशन शुरू होने के बाद मार्च में पेरेंट्स को नए सेट खरीदने के आदेश दिए जाते है। यहीं नहीं एडमिशन फीस, एनुअल फीस के साथ अन्य खर्च जोड़ कर बच्चों को सौंप दिया गया है। ऐसे में पैरेन्ट्स बुक्स के साथ ड्रेस की बढ़ी हुई कीमतों को कैसे भुगतान करें। प्रशासन समेत शिक्षा विभाग को इस विषय पर ठोस कदम उठाना चाहिए।
-: राजेश शर्मा , पैरेन्ट्स


अप्रैल से नया सेशन शुरू होने के बाद मार्च में पेरेंट्स को न सेट खरीदने के आदेश दिए गए, बुक सेट खत्म के बाद एक या दो से अधिक बुक सेट में कम हो रही है। इसे लेकर पेरेंट्स को दुकान के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, वहीं की पढ़ाई भी प्रभावित होती है। विभाग को इस सबंध में कार्रवाई करनी चाहिए।:-
मंजू जैन, पैरेन्ट्स

हर साल अप्रैल माह के शुरूआत में स्कूल्स की शिकायते मिलने लगी थी। जबकि बीते साल स्कूलों के लिए निर्देश भी जारी किए गए थे। लेकिन, एक साल बाद भी अब तक स्कूल्स लगातार मनमानी कर रहे है। फीस बढ़ोत्तरी समेत टीसी न देना जैसी कई शिकायतें मिल रही है। जिसकी जांच की जा रही है। फीस का मामला भी संज्ञान में लिया जाएगा। :-
डॉ। गीता खन्ना, अध्यक्ष बाल अधिकार संरक्षण आयोग
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