- मुख्यालय ने यूपी की तर्ज पर शुरू किया था रिस्पॉन्स चेक

- राजधानी समेत कई जिलों में की जा रही अनदेखी

DEHRADUN

पुलिस की छवि सुधारने के लिए मुख्यालय द्वारा शुरू की गई पहल 'रिस्पॉन्स चेक' पर दून पुलिस पिछड़ती दिख रही है, लिहाजा इसकाअसर आम जनता पर पड़ सकता है। पुलिस की कठोर कार्यप्रणाली से आम जनता को होने वाली दिक्कतों को देखते हुए प्रदेश में यूपी की तर्ज पर टेस्ट एफआईआर और रिस्पॉन्स चेक करने के लिए मुख्यालय द्वारा निर्देश दिए गए थे, लेकिन इन निर्देशों पर कोई भी कार्रवाई शहर में दिखती नजर नहीं आ रही है। हालांकि आईजी का दावा है कि समय समय पर रिस्पॉन्स चेक करवाए जाते हैं।

क्या है टेस्ट एफआईआर

दरअसल टेस्ट एफआईआर को यूपी पुलिस की तर्ज पर उत्तराखंड में भी जनवरी से शुरू करने की योजना बनाई गई थी। पुलिस मुख्यालय से रेंज स्तर पर इस बाबत आदेश भी जारी किए गए थे। इस योजना के अनुसार हर रेंज स्तर से दूसरे जिलों में थाने चौकियों में एक डिप्टी एसपी स्तर का अधिकारी औचक निरीक्षण के लिए एक वादी के तौर पर थानों में पंहुचता है। यहां पुलिस की कार्रवाई को देखते हुए इस बात पर ध्यान दिया जाता है कि क्या पुलिस किसी मुकदमे को दर्ज करने में कोई लापरवाही तो नहीं दिखा रही। अगर ऐसा होता है तो इस सम्बंध में तुरंत रिपोर्ट जिले के आला अधिकारियों को सौंपनी होती है।

पुलिस की कार्यशैली पर उठे थे सवाल

अक्सर पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर यह सवाल उठते हैं कि पुलिस बिना किसी वजह से आम आदमी को परेशान करने के लिए उन्हें उठाकर थाने चौकियों में ले आती है। यह भी आरोप लगते रहे हैं कि सगींन अपराधों के मुकदमे दर्ज करने में भी पुलिस लापरवाही दिखाती है। इन्हीं बातों की तथ्यता जांचने के लिए पुलिस मुख्यालय से सर्कुलर जारी किया गया था।

हम समय-समय पर अलग-अलग थाना स्तर पर रिस्पॉन्स चेक करवाते रहते हैं। आगे भी प्रक्रिया जारी रहेगी।

संजय गुंज्याल, आईजी गढ़वाल