-प्याज के दाम हफ्तेभर से बने हुए हैं 70-80 के पार

-केंद्र के नए अधिनियम से मंडी का भी नहीं रहा कंट्रोल

देहरादून, गत वर्ष की तरह इस बार भी प्याज लोगों को रुला रहा है। स्थिति ये है कि पिछले एक सप्ताह से प्याज के दाम 80 रुपए पर ही स्थिर बने हुए हैं। व्यापारियों का मानना है कि मौसम की मार पड़ने के कारण अब बार आने वाले दिनों में भी प्याज की मार पड़ने की संभावना है। हालांकि, मंडी से जुड़े अधिकारी मान रहे हैं कि अलबर का नया प्याज दून पहुंचते ही दाम गिरने तय हैं। इधर, प्याज के दामों में उछाल का कारण नया एक्ट भी वजह है। जिसके तहत अब मंडियों का प्याज कमांड नहीं रहा।

नए एक्ट भी प्याज के दाम के उछाल का कारण

कोरोनाकाल में प्याज के दामों में उतार-चढ़ाव जारी है। वर्तमान में 80 रुपए के पार है। जबकि ये दाम हफ्तेभर से बने हुए हैं। बताया जा रहा है कि केंद्र के नए एक्ट व प्रदेश सरकार ने कृषि उपज एवं पशुधन विपणन अधिनियम के बाद मंडी का नियंत्रण अब प्याज पर नहीं रहा। पहले प्याज का स्टॉक कितना दून पहुंचा, पूरा लेखा-जोखा मंडी के नियंत्रण में हुआ करता था। लेकिन अब ऐसा नहीं रहा। कोई भी प्याज ओपन मार्केट में सेल कर सकता है। हालांकि मंडी समिति के सचिव विजय थपलियाल के मुताबिक केंद्र सरकार ने प्याज के स्टॉक की लिमिट 20-25 कुंटल तक तय कर दी है। मंडी समिति के अनुसार आने वाले दिनों में प्याज के दाम में गिरावट दर्ज की जा सकती है। इसकी वजह नासिक व अलवर से पहुंचने वाला नया प्याज है।

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दून में यहां से पहुंचता है प्याज

-सबसे ज्यादा 60 परसेंट तक नासिक से।

-इंदौर

-खंडवा।

-राजस्थान

-गुजरात।

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दाम बढ़े तो मंडी स्टॉल पर करेगी विचार

जब भी प्याज के दाम आउट ऑफ कंट्रोल रहे, दून मंडी समिति ने लोगों को राहत देने के लिए प्याज के स्टॉल मंडी में लगाए। जिनके जरिए सस्ते प्याज मुहैया कराया। मंडी समिति के सचिव विजय थपलियाल ने कहा कि आने वाले दिनों में ऐसी दिक्कत रही तो मंडी समिति इस बार भी मंडी में सस्ते प्याज के स्टॉल शुरू करने पर विचार कर सकता है।

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गत वर्ष टर्की, इजिप्ट, अफगान के प्याज को चखा था स्वाद

प्याज के दामों में उछाल नहीं बात नहीं है। गत वर्ष भी ऐसा ही उछाल देखने को मिला था। जिसके बाद दून की मंडी में टर्की, इजिप्ट, अफगान व ईरान तक के प्याज ने दून में दस्तक दी थी। हालांकि नासिक के प्याज का स्वाद चखने वाले दूनवासियों को इन देशों व शहरों के प्याज का स्वाद नापसंद रहा और मजबूर होकर होटलों में इनकी सप्लाई की गई।