गोल्ड ज्वैलरी की क्वालिटी बरकरार रखने के लिए सरकार ने हॉलमॉर्क साइन किया है अनिवार्य

दून में 1 हॉलमॉर्क सेंटर से ही चला रहे ज्वैलर काम, एचयूआईडी नंबर को लेकर नहीं बन रही सहमति

देहरादून,

सरकार ने गोल्ड ज्वैलरी की क्वालिटी बरकरार रखने के लिए होलमॉर्क साइन अनिवार्य कर दिया है। इससे गोल्ड की शुद्धता की जानकारी मिलती है। लेकिन ज्वैलर्स के सामने सबसे बड़ा चैलेंज हॉलमॉर्क साइन लगवाना है। दून में 9 हजार से ज्यादा ज्वैलर्स हैं और हॉलमॉर्क सेंटर सिर्फ एक ही है। ऐसे में ज्वैलर्स सरकार से स्वर्णकार की समस्याओं के समाधान की मांग करने लगे हैं।

दून ही आते हैं अधिकतर ज्वैलर

उत्तराखंड स्वर्णकार संघ के महासचिव पंकज मैसोन का कहना है उत्तराखंड में 13 जिले हैं और हॉलमॉर्क सेंटर 3 है। दून में 2 हॉलमॉर्क सेंटर हैं, लेकिन वर्किंग में एक ही है। जिससे दूर-दराज पहाड़ के लोगों की भी निर्भरता दून पर आकर टिकती है। उत्तराखंड में देहरादून के अलावा पिथौरागढ़ में एक हॉलमार्क सेंटर है। प्रदेशभर में 20 हजार के आसपास ज्वैलर्स हैं। इसके अलावा ज्वैलर्स एचयूआईडी-हॉलमॉर्क यूनिक आईडी नंबर को लेकर भी विरोध जता चुके हैं। ज्वैलर्स का कहना है कि वे अपने प्रोडक्ट कई जगह से तैयार करवाते हैं, ऐसे में एचयूआईडी नंबर लगवाना संभव नहीं होगा। हालांकि ज्वैलर्स हॉलमॉर्क नंबर लगवाने के निर्णय का समर्थन कर रहे हैं। लेकिन हॉलमॉर्क सेंटर बढ़ाने की भी मांग कर रहे हैं।

महंगी होती है हॉलमार्क लगी ज्वैलरी

कस्टमर को हॉलमार्क गहने थोड़ा महंगा पड़ते हैं। इसमें 15 परसेंट तक ज्यादा चार्ज देना होता है। इसका कारण हॉलमार्क गहनों में मेकिंग चार्ज ज्यादा लगता है। इसके बदले सोने की शुद्धता की गारंटी भी मिलती है।

22 कैरेट के मायने

अगर आप 22 कैरेट खरीदते हैं तो इसका मतलब यह है कि उसमें सोना 91.6 परसेंट होना चाहिए। अगर ऐसा है तो ज्वैलरी पर 916 का साइन होगा।

ऐसे करते हैं हॉलमार्किंग का पता

हॉलमार्किग के साल का पता करना है तो इसकी जांच अंग्रेजी अल्फाबेट के आधार पर कर सकते हैं। हॉलमार्किग की शुरुआत 2000 में हुई इसलिए 2000 में हॉलमार्क किए गए आभूषण पर ए लिखा होगा। इसी तरह अगर हॉलमार्किंग 2013 में की गई है तो एन लिखा होगा।

-दून के हॉलमॉर्क सेंटर में इन दिनों एक दिन में 100 से 150 पीस आ रहे हैं

-सामान्य दिनों में 500 पीस तक आ जाते हैं हॉलमॉर्क के लिए

-सेंटर से पूरी प्रक्रिया के बाद 3 दिन बाद पहुंचता है ज्वैलर्स को माल

-एक पीस को हॉलमॉर्क करने की प्रक्रिया में लगते हैं 6-7 घंटे

हॉलमॉर्क अनिवार्य करने के फैसले का स्वागत है। लेकिन सरकार को चाहिए कि हॉलमॉर्क सेंटर भी बढ़ाए जाएं। ज्वैलरी को इधर-उधर ले जाने में रिस्क होता है। ऐसे में सेंटर पास होने से सहूलियत होगी।

विश्वनाथ कोहली, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तराखंड स्वर्णकार संघ

हॉलमॉर्क अनिवार्य करने से कोई परेशानी नहीं है। लेकिन एचयूआईडी नंबर कैरी करना संभव नहीं है। दून में ज्वैलर माल छोटी-छोटी दुकानों से सामान लेते हैं। ऐसे में यूआईडी नंबर नहीं लग सकता है।

पंकज मैसोन, प्रदेश महासचिव, उत्तराखंड स्वर्णकार संघ