इंटर्न ने संभाला मोर्चा

अकेले दून हॉस्पिटल के दोनों ब्रांच में 105 नर्स कार्यरत है, जिनके एक साथ तीन शिफ्ट का कार्य बहिष्कार मरीजों के लिए दिक्कतें खड़ी कर रहा है। सीनियर ईएमओ डॉ। राहुल जोशी के मुताबिक परेशानी तो है, लेकिन इसका हल निकाल लिया गया है। इंटर्न करने वाले बीएमएस की संख्या दून हॉस्पिटल में इस समय 80 से 90 के बीच है। ये नर्सिंग में अपना योगदान दे रहे है। इसके साथ ही 45 के करीब फॉर्मासिस्ट भी डॉक्टर्स के साथ मरीजों की देखभाल में जुटे है। डा। जोशी की मानें तो नर्सेज की भूमिका अहम है, लेकिन ऐसा भी नही कि, उनके काम न करने से स्वास्थ्य सेवाओं पर कोई फर्क पडऩे वाला है।

तीन शिफ्ट में नर्सेज के कार्य बहिष्कार से कोई खास फर्क नहीं पड़ रहा। उनकी जिम्मेदारी को इंर्टन और फॉर्मासिस्ट बखूबी निभा रहे है।

-डॉ। राहुल जोशी, ईएमओ , दून हॉस्पिटल