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- पुलिस ने तीन आरोपियों को किया अरेस्ट

- सेंटर संचालक की हत्या कर जला दिया था

- 31 मई को कांवड़ पटरी पर कार से मिला था कंकाल

HARIDWAR: फिजियोथेरेपी सेंटर संचालक हत्याकांड का बहादराबाद थाना पुलिस ने खुलासा कर दिया है। अपनी प्रेमिका के पिता की गैर मौजूदगी में घर पर आने को लेकर फिजियोथेरेपी सेंटर संचालक अनिल सिंह तोमर की हत्या की गई थी। पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए तीनों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है।

कार में मिला था कंकाल

प्राप्त जानकारी के अनुसार फ्क् मई की सुबह बहादराबाद थाना क्षेत्र की कांवड़ पटरी पर जली हुई कार में कंकाल मिला था। कंकाल की पहचान के लिए फोरेंसिक टीम ने नमूना भरा था, जबकि फ्0 मई की दोपहर से ही आर्यनगर में शेरजेम फिजियोथेरेपी सेंटर का संचालक रघुनाथ रेसीडेंसी निवासी अनिल सिंह तोमर ख्8 लापता चल रहा था। परिजनों ने कार अनिल सिंह तोमर की बताई थी, जबकि कंकाल के पास मिले कड़े व सोने की चेन से कंकाल को अनिल सिंह तोमर का मानकर पुलिस जांच कर रही थी। पुलिस ने मृतक के मोबाइल की लोकेशन निकलवाई, जो रायवाला क्षेत्र में शराब की दुकान के आसपास मिली। इसी दिन छह लोगों से मोबाइल के माध्यम से अनिल सिंह तोमर की बात हुई थी। पुलिस ने छह में शामिल अनिल सिंह तोमर के परिचित सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी जनमेद सिंह भदौरिया पुत्र स्व। विजय सिंह निवासी ग्राम कुहारी थाना व तहसील बाह जिला आगरा उत्तर प्रदेश व हाल निवासी हरिपुर कलां रायवाला से पूछताछ की, लेकिन जनमेद सिंह ने कोई भी जानकारी होने से इनकार कर दिया। जनमेद सिंह का रायवाला में घर के समीप किराये पर ढाबा भी है। शक की सुई जनमेद सिंह पर घूमने पर पुलिस ने आस पड़ोस के लोगों व दुकानों में काम करने वाले नौकरों से पूछताछ की। पूछताछ में पता चला कि कुछ दिनों पहले जनमेद सिंह का नौकर रविपाल पुत्र स्व। प्रेमपाल निवासी बिजली घर के सामने प्रतीतनगर रायवाला का दायां हाथ पूरा जल गया था।

इस तरह हुआ खुलासा

पुलिस ने नौकर से सख्ती से पूछताछ की, जिसके बाद उसे पुलिस के सामने सारी कहानी बयां कर दी। एसएसपी राजीव स्वरूप ने बताया कि अनिल सिंह तोमर की हत्या जनमेद सिंह व उसके नौकर रविपाल ने की है। जबकि, जनमेद सिंह की बेटी दुर्गेश ने शव को ठिकाने व जलाने में उनकी मदद की। बताया कि छह साल पहले अनिल सिंह का रिश्ता जनमेद सिंह की बेटी दुर्गेश से होने की बात चल रही थी। उस समय अनिल सिंह तोमर की आर्थिक स्थिति बेहद खराब चल रही थी, जिसके चलते जनमेद सिंह ने शादी करने से मना कर दिया था। इसके बाद भी अनिल सिंह तोमर का दुर्गेश से बातचीत व घर आना जाना था। इस दौरान अनिल सिंह तोमर की माली हालात काफी अच्छी हो गई थी। फ्0 मई की रात साढ़े दस बजे अनिल सिंह तोमर अपनी टाटा सफारी से रायवाला आया था। इस दौरान फोन पर अनिल सिंह तोमर की जनमेद सिंह से बातचीत हुई थी, जिसमें अनिल सिंह तोमर ने रिश्ता न करने, खुद को संपन्न होने आदि बात कहकर नीचा दिखाने की बात कही। साथ ही उसके घर जाने की बात कही। इसके बाद फोन कट गया। करीब पौने दो बजे जनमेद सिंह अपना ढाबा बंद कर लौट रहा था, तभी उसे अनिल सिंह उसके घर के पास ही कार में मिला। उसे देखकर जनमेद सिंह भड़क गया। दोनों के बीच कहासुनी व हाथापाई हो गई। तभी वहां जनमेद सिंह का नौकर रविपाल पहुंच गया। बताया कि नौकर रविपाल व जनमेद सिंह ने मिलकर अनिल सिंह तोमर का गला दबा दिया और पत्थर सिर पर मारकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद दो लीटर पेट्रोल खरीदा। जनमेद सिंह ने खुद उसकी सफारी कार चलाई, अनिल सिंह तोमर के शव को आगे की चालक के पड़ोस वाली सीट में रख दिया। रविपाल व दुर्गेश स्कूटी से कांवड़ पटरी पहुंचे। यहां रविपाल ने शव व कार पर पेट्रोल छिड़का, जिसके बाद आरोपियों ने आग लगा दी। पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।