सीबीएसई अपने स्टूडेंट्स को खेलों में हिस्सा लेने के लिए देगा यूआईडी

आई एक्सक्लूसिव

-धांधली रोकने के मकसद से बोर्ड ने की है नई पहल

-गलत प्रमाण-पत्र से छोटे एज ग्रुप में शामिल हो जाते थे बड़ी उम्र के खिलाड़ी

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DEHRADUN: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने खेलों में धांधली रोकने के लिए एक और कदम उठाया है। इसके तहत स्कूलों में खेल प्रतियोगिताओं के लिए तैयार हो रहे खिलाडि़यों को खास नंबर यानि यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर दिया जाएगा। जिस खिलाड़ी के पास यह यूआईडी नंबर नहीं होगा वो बोर्ड द्वारा आयोजित होने वाली किसी भी खेल प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले पाएगा।

सभी स्कूलों को सर्कुलर जारी

सीबीएसई ने इस बारे में सर्कुलर जारी कर दिया है। अब खिलाडि़यों को बोर्ड की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इतना ही नहीं, स्कूल और ऑर्गेनाइजेशंस को भी वेबसाइट पर रजिस्टर होना अनिवार्य है। बोर्ड इसके बाद स्कूलों के खिलाड़ी स्टूडेंट्स को यूआईडी नंबर जारी करेगा। उन्हें इसी नंबर के तहत स्पेशल का‌र्ड्स भी मुहैया कराए जाएंगे। निर्देशों के मुताबिक यूआईडी कार्ड होल्डर खिलाड़ी ही खेल प्रतियोगिताओं में एंट्री कर सकेंगे। जिन स्टूडेंट्स के पास कार्ड नहीं होगा उन्हें सीबीएसई द्वारा ऑर्गनाइज की जाने वाली किसी भी खेल प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने का अधिकार नहीं होगा। इसे लेकर बोर्ड ने देश भर के स्कूलों को सर्कुलर जारी कर दिशा निर्देश दे दिए हैं।

अब कॉम्पिटीशन होगा फेयर

अक्सर देखने में आता है कि खेल प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन और मेडल हासिल करने की होड़ में खिलाड़ी और एसोसिएशंस एज लिमिट की बाध्यता का उल्लंघन करते हैं। गलत प्रमाण-पत्र देकर छोटे एज ग्रुप में ज्यादा उम्र के खिलाडि़यों को शामिल कर लिया जाता है। बोर्ड का यह नियम अब इस तरह के मामलों पर लगाम लगाएगा। यूआईडी नंबर होने से बोर्ड के पास खिलाड़ी का फोटो व उम्र सहित अन्य आवश्यक जानकारियां अपडेट रहेंगी, जिससे किसी भी स्कूल या खिलाड़ी द्वारा ऐसा खेल करना संभव नहीं होगा।

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स्टूडेंट्स को जिस खेल में एंट्री करनी होगी उसके लिए वह पहले अपना यूआईडी नंबर अपडेट करेगा। इसके बाद बोर्ड की वेबसाइट पर खेल प्रतियोगिताओं के लिए खिलाड़ी को एंट्री मिलेगी। इसके अलावा स्कूल और आर्गेनाइजेशंस को भी बोर्ड की वेबसाइट पर खुद को रजिस्टर कराना होगा, जिसके बाद उन्हें भी यूआईडी नंबर जारी किया जाएगा। यह कदम खेल प्रतियोगिताओं में होने वाली गड़बडि़यों पर लगाम लगाएगा।

---- दिनेश बड़थ्वाल, वाइस प्रिंसिपल, दून इंटरनेशनल स्कूल।

खेलों की शुचिता बनी रहे, इसी मकसद से बोर्ड ने ये फैसला लिया है। इससे प्रतिभावान खिलाडि़यों का मनोबल भी बढ़ेगा, साथ ही प्रतियोगिताओं में पारदर्शिता आएगी।

जगदीश पांडे, प्रिंसिपल, जिम्प पायनियर स्कूल