केंद्र सरकार के अफसर रहे दौरे पर, अपने स्टैंड पर डटे रहे बीजेपी-कांग्रेस।

-अरुण जेटली ने पार्टी पदाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग से की बात

-केंद्रीय अफसरों के साथ मुख्य सचिव ने मीटिंग कर स्थिति की समीक्षा की

DEHRADUN: नोटबंदी के बाद की स्थिति पर सरकारी सिस्टम अपना काम कर रहा है, तो सियासी दल अपना। केंद्र सरकार के तीन अफसरों की टीम ने राज्य के विभिन्न स्थानों पर दौरा किया। मामले की जानकारी ली और फिर राज्य के अफसरों के साथ भी स्थिति की समीक्षा की। मुख्य सचिव एस रामास्वामी के साथ मीटिंग में केंद्रीय आईटी विभाग के संयुक्त सचिव आरके सुधांशु, भारी उद्योग विभाग की निदेशक संयुक्ता सम्मदर और ऊर्जा विभाग के उप सचिव विक्रमाजीत सिंह भी शामिल हुए। दूसरी तरफ, सियासी दल इस मामले को अपने-अपने हिसाब से पेश करने के लिए सक्रिय रहे। बीजेपी के पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के मार्फत वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सीधे बात की। तो वहीं, पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय ने नोटबंदी को संघीय ढांचे पर ही चोट करार दे दिया।

नोटबंदीकिसने क्या कहा

-नोटबंदी एक नैतिक लड़ाई है। सत्य के साथ रहने वाला कभी हारता नहीं है। यह लड़ाई आतंकवाद, भ्रष्टाचार, काले धन और जाली करेंसी के खिलाफ है। कुछ दिनों के बाद सब कुछ सामान्य हो जाएगा। बेनामी संपत्ति, दूसरे के खातों का गलत प्रयोग सब कुछ हमारी जानकारी में है।

-अरुण जेटली, केंद्रीय वित्त मंत्री (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान.)

-नोटबंदी का फैसला देश के संघीय ढांचे पर चोट है। फाइनेंस से जुडे़ मामले राज्यों से भी सीधे संदर्भित हैं। ऐसे में एक तरफा फैसला करना गलत है। आखिर इस स्थिति को राज्य की जनता और सरकार दोनों ही भुगत रहे हैं।

-किशोर उपाध्याय, पीसीसी चीफ।

(पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान.)

-जिलाधिकारी अपने स्तर पर नोटबंदी की स्थिति की समीक्षा करें। एटीएम में नोटों की उपलब्धता की समीक्षा प्रत्येक बुधवार और शुक्रवार को की जाए। आधार की सीडिंग में भी तेजी लाई जाए। किसानों को बीज और खाद की खरीद में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।

-एस.रामास्वामी, मुख्य सचिव, उत्तराखंड।

(नोटबंदी पर केंद्रीय और राज्य के अफसरों के साथ मीटिंग के दौरान.)