- स्वामी राम हिमालयन विवि के दीक्षांत समारोह में पहुंचे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

- राष्ट्रपति ने उच्च शिक्षा में देश की मौजूदा स्थिति पर जताई चिंता

DEHRADUN: स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पहुंचे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि शिक्षा में बड़े स्तर पर बदलाव की जरूरत है। शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो न केवल काबिल पेशेवर दे, बल्कि वे समाज और देश के प्रति जुड़ाव भी महसूस करें।

नव स्नातकों को प्रदान की उपाधि

शुक्रवार को जौलीग्रांट स्थित स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ख्88 नव स्नातकों को उपाधि प्रदान की। उन्होंने विभिन्न पाठ्यक्रमों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले फ्0 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में ऐसी शिक्षा की जरूरत है, जो समर्पित, विश्वसनीय और आत्मविश्वास से लबरेज युवा तैयार करे। शिक्षा की सार्थकता तभी है जब वह सामाजिक, आर्थिक विकास में सहयोग करे, समाज के प्रति जिम्मेदारी का भाव उत्पन्न करे। उच्च शिक्षा में कौशल, शोध, अविष्कार और रचनात्मकता के समावेश की जरूरत है।

हर दिन दीक्षांत का दिन

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उपाधि प्राप्त करने वाले नव स्नातकों से कहा कि जीवन में हर दिन दीक्षांत का दिन होता है। जीवन की हर चुनौती इंसान को सिखाती है और परीक्षा लेती है। उन्होंने कहा कि हम सबके अंदर सृजन करने और बदलाव करने की ताकत है। इस ताकत को समाज और विकास में लगाने की जरूरत है। बदलाव का पर्याय बनें और समाज को नई दिशा दें। इस दौरान राज्यपाल डॉ। केके पॉल, निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत, सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, भगत सिंह कोश्यारी समेत तमाम राजनीतिक और शिक्षा से जुड़ी हस्तियां मौजूद थीं।