- कई यूनियन शामिल हो रही हैं हड़ताल में

- परेडग्राउंड से घंटाघर तक निकालेंगे रैली

DEHRADUN: केंद्र की नीतियों के विरोध में ट्रेड यूनियन आज देशव्यापी हड़ताल पर रहेंगी। हड़ताल का असर सबसे ज्यादा परिवहन, बैंक व डाक सेवाओं पर पड़ने की संभावना है। उत्तराखंड बैंक इंप्लाइज यूनियन के जगमोहन मेहंदीरत्ता ने बताया कि हड़ताल में दून, मसूरी के होटल कर्मियों के साथ रोडवेज कर्मी, आशा, बैंक, एलआईसी, बीएसएनएल कर्मी भी शामिल होंगे। संयुक्त ट्रेड यूनियन कॉर्डिनेशन कमेटी के प्रांतीय संयोजक वीरेंद्र भंडारी के अनुसार केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में श्रमिकों को सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। केंद्र का ध्यान पूंजीपतियों व उद्योगपतियों के पक्ष में है। जगमोहन मेहंदीरत्ता के अनुसार यूनियनों से जुड़े कर्मी सुबह क्0 बजे परेड ग्राउंड में एकत्रित होंगे। उसके बाद रैली के रूप में कार्मिक घंटाघर तक पहुंचेंगे। जहां के केंद्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के साथ केंद्र का पुतला फूंका जाएगा।

ये होंगे हड़ताल में शामिल

इंटक, सीटू, एटक, एक्टू, उत्तराखंड बैंक इंप्लाइज यूनियन, एआईडीईएफ, आईएनडीडब्ल्यूएफ, केंद्रीय कर्मचारी कामगार संघ, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के अलावा रक्षा अनुसंधान, आयुध निर्माणी, एमईएस, डाकघर, आयकर, परिवहन, औद्योगिक संस्थान, बीमा, होटल, चाय बागान आदि के संगठन हड़ताल में शामिल रहेंगे।

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इन मांगों को लेकर हड़ताल

- कम से कम क्8 हजार मासिक वेतन।

- ठेकेदारी प्रथा बंद होने के साथ ही कर्मी नियमित हों

-रेल, रक्षा, बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश बंद हो।

-रोड सेफ्टी बिल वापस लिया जाए।

-सभी श्रमिकों के लिए पेंशन व्यवस्था हो।

-महंगाई पर रोक लगाने को हो ठोस नीति।

-ग्रेच्युटी का भुगतान ब्भ् दिन प्रतिवर्ष के हिसाब से हो।

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चार घंटे कार्य बहिष्कार पर रहे कर्मचारी

वेतन विसंगतियों के निस्तारण समेत विभिन्न मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों ने प्रदेशभर में चार घंटे का कार्य बहिष्कार किया। इससे तमाम विभागों में गुरुवार दोपहर तक कामकाज पूरी तरह ठप रहा। पांच सितंबर तक कर्मचारियों ने आंशिक कार्य बहिष्कार जारी रखने का ऐलान किया है। उसके बाद छह से क्0 सितंबर तक पूर्ण कार्य बहिष्कार करेंगे। गुरुवार को दून में विकास भवन परिसर और प्रदेश भर में अन्य स्थानों पर जिला, तहसील और ब्लॉक मुख्यालयों में कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

ये हैं मांगें

- सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों को राज्य में शीघ्र लागू किया जाए।

- पूर्व की भांति अवकाश नकदीकरण की सुविधा बहाल हो।

- कर्मचारी कल्याण निगम की स्थापना शीघ्र हो।

- सचिवालय और विधानसभा की तर्ज पर सरकारी कार्यालयों में प्रत्येक शनिवार और रविवार को अवकाश घोषित किया जाए।