- पुलिस की ओर से किए गए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

ष्ठश्व॥क्त्रन्ष्ठहृ: सोने-चांदी की खरीद पर एक्साइज ड्यूटी लगाए जाने के विरोध में आंदोलनरत सर्राफा व्यापारियों ने सोमवार को शहर की रफ्तार रोक दी। बंदी होने से प्रदेश के तकरीबन सभी जिलों में जनता परेशान रही। बंद का सबसे ज्यादा असर देहरादून, हरिद्वार और रुड़की में देखने को मिला। कई इलाकों में ट्रांसपोर्ट सर्विस भी आंशिक रूप से बाधित रही। बंद को लेकर व्यापारियों का कहना है कि सरकार पहले ही एक लाख रुपए से अधिक के लेनदेन पर पैन संख्या का उल्लेख अनिवार्य करने का ऐलान कर चुकी है और उससे इस सेक्टर पर बहुत नकारात्मक इंपेक्ट होगा। सर्राफा मंडल के महासचिव मनमीत सिंह ने बताया कि मांगों को लेकर सभी शहरों में सर्राफा दुकानें बंद हैं। असल में सरकार द्वारा एक प्रतिशत शुल्क से न केवल हमारा कारोबार प्रभावित होगा, बल्कि इंडस्ट्री पर अनुपालन का भी बोझ पड़ेगा। ज्वैलरी सेक्टर पहले से ही इंपोर्ट ड्यूटी और वैट का बोझ झेल रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार से एक्साइज ड्यूटी पर रोल बैक नहीं होगा आंदोलन जारी रहेगा।

पुलिस से तीखी नोकझोंक

पुलिस द्वारा बाजार बंद कराने से रोकने और समझाने पर व्यापारियों और पुलिस के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई। लेकिन पुलिस के कड़े सुरक्षा प्रबंध के चलते स्थिति पर काबू पा लिया गया।

खुली हुई दुकानें करवाई बंद

दून बंद को लेकर सर्राफा मंडल द्वारा अलग-अलग जगहों पर टीमें भेजी गई जिन्होंने संबंधित क्षेत्रों में खुली कई दुकानें बंद करवाई। मंडल द्वारा विकासनगर, डोईवाला, प्रेमनगर, गढ़ी कैंट, माजरा, आईएसबीटी, धर्मपुर, पलटन बाजार, हनुमान चौक, कांवली रोड, बल्लूपुर समेत कई क्षेत्रों के लिए 20 से अधिक टीमों का गठन किया गया था जिन्होंने दुकानदारों को दुकानें नहीं खोलने दी।

कई संगठनों ने दिया बंद को समर्थन

दून उद्योग व्यापार मंडल, प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल, सीटू, सीपीआईएम, जनवादी महिला पार्टी, पेट्रोल पंप यूनियन, केमिस्ट एसोसिएशन, किसान सभा, एनएसयूआई, समेत छोटे-बड़े अन्य 341 संगठनो ने दून बंद करवाने में समर्थन दिया।

आज दिल्ली में होगी राष्ट्रीय स्तर की बैठक

मंगलवार को एक्साइज वापस लेने को लेकर दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर की बैठक की जाएगी। ज्वैलर्स एसोसिएशन ऑफ उत्तरांचल के अध्यक्ष विपिन बेरी ने बताया कि दिल्ली में होने जा रही राष्ट्रीय स्तर की बैठक में देश के सभी राज्यों से दो-दो प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे, जिसमें एक्साइज ड्यूटी वापस लेने के बारे में विचार विमर्श किया जाएगा।

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फीकी पड़ रही सोने की चमक

शादी-ब्याह के इस सीजन में सर्राफा व्यापारियों की हड़ताल से आम लोगों को भारी परेशानी हो रही है। भारत में सोने के आभूषणों का दैनिक कारोबार औसतन छह सौ करोड़ रुपए है। उत्तराखंड की बात करें तो यहां भी तकरीबन एक करोड़ का रोज का कारोबार होता है। बजट में सोने पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के प्रावधान के बाद सोने की तस्करी में भी तेजी आई है। लेकिन न तो सरकार पीछे हटने को तैयार है न ही व्यापारी। सर्राफा व्यापारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में अगले कुछ दिनों में राष्ट्रीय बैठक रखी है। आगे की रणनीति इसी बैठक के फैसलों पर निर्भर करेंगी। हालांकि दूसरी ओर फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने भी साफ कर दिया है कि एक परसेंट एक्स्ट्रा एक्साइज ड्यूटी खत्म नहीं की जाएगी। ऐसे में साफ है कि आने वाले समय में सोने की चमक और भी फीकी पड़ेगी।