देहरादून (ब्यूरो)। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चार रोड को स्मार्ट रोड के रूप में डेवलप किया जाना है। इस प्रोजेक्ट के तहत सबसे महत्वपूर्ण और सबसे लंबी रोड ईसी रोड है। यह रोड स्मार्ट कब तक बन पायेगी, यह तो तय नहीं, लेकिन स्मार्ट बनाये जाने के नाम पर रोड तीन बार खोदी जा चुकी है और एक बार फिर से इसे खोदने का काम शुरू हो गया है। इस रोड को पहले सीवर लाइन के लिए खोदा गया। उसके बाद मल्टी यूटिलिटी डक्ट के लिए खोदा गया, पानी की लाइन के लिए खोदा गया और अब फिर से इसकी खुदाई की जा रही है।

मल्टी यूलिलिटी डक्ट का मकसद खत्म
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत दावा किया गया था कि स्मार्ट रोड पर मल्टी यूटिलिटी डक्ट डाले जाएंगे, सभी तरह की लाइनें इसी से होकर गुजरेंगी, इनमें पीने के पानी की लाइन, बिजली, टेलीफोन आदि की लाइनें शामिल बताई गई थी। लेकिन एक बार यूटिलिटी डक्ट डालने के बाद फिर भी बार-बार खुदाई की जा रही है।

ज्यादातर रोड चलने लायक नहीं
मेन सिटी की ज्यादातर रोड फिलहाल सुरक्षित आने-जाने लायक नहीं रह गई हैं। गांधी रोड पर सीवरेज लाइन बिछाने का काम करीब एक साल पहले दर्शनलाल चौक से शुरू हुआ था। यह काम अभी तक प्रिंस चौक के पास तक ही पहुुंच पाया है। सिटी की यह सबसे प्रमुख और सबसे व्यस्त रोड पूरी तरह से खराब है। बारिश में यहां कीचड़ हो जाती है और साफ मौसम के दौरान धूल उड़ने लगती है।

परेड ग्राउंड भी तैयार नहीं
परेड ग्राउंड का सौन्दर्यीकरण स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत एक ड्रीम प्रोजेक्ट है। पिछले तीन वर्षों से यह प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पा रहा है। परेड ग्राउंड के आसपास की सड़कें भी बुरी कई महीनों से खराब हैं। यहां भी बार-बार अलग-अलग कामों के नाम पर सड़क खोदी जा रही है। एक बार खोदे जाने के बाद रिपेयरिंग नहीं होती और दूसरी बार सड़क खोद दी जाती है।

उठने लगी आवाज
आम लोगों के बाद अब राजनीतिक दलों ने भी दून की सड़कों को लेकर आवाज उठानी शुरू कर दी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सड़कों की स्थिति और स्मार्ट सिटी की कार्य प्रणाली को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। उन्होंने इस प्रोजेक्ट को पूरी तरह फेल बताया है। कुछ अन्य पार्टियों ने भी डीएम को ज्ञापन देकर खोदी गई सड़कों की जल्द से जल्द मरम्मत करवाने की मांग की है।

डीएम के इंस्पेक्शन के बाद भी सुस्ती
पिछले दिनों पोलिंग खत्म होने के बाद से कुछ दिन डीएम और डीएससीएल के सीईओ डॉ। आर राजेश कुमार ने लगातार तीन दिन तक स्मार्ट सिटी के कामों का जायजा लिया। काम के बारे में अधिकारियों के साथ ही आसपास के आम लोगों से भी पूछा। उन्होंने यह भी हिदायत दी कि काम केवल फाइलों में नहीं जमीन पर भी दिखना चाहिए। इसके बावजूद अब तक काम में तेजी नहीं आ पाई है।