गांधी शताब्दी हॉस्पिटल में रजिस्ट्रेशन न होने से हंगामा
रजिस्ट्रेशन न होने से लौटे कई लोग हंगामे के बाद खोला काउंटर
देहरादून
गांधी शताब्दी हॉस्पिटल में रजिस्ट्रेशन बुक खत्म हो गई। नतीजा यह हुआ कि दिन में 11 बजे ही रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद कर दिया गया। रजिस्ट्रेशन फार्म खत्म होने का बहाना बनाते हुए लौंटा रहे थे। काउंटर पर ताला लटका देख लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद जैसे-जैसे रजिस्ट्रेशन फार्म जुटाकर रजिस्ट्रेशन शुरू किया।
नहीं होते डिजिटल रजिस्ट्रेशन
गांधी हॉस्पिटल को शुरू हुए दो साल से अधिक का समय हो चुका है। इस बीच इसे डिस्टिक्ट हॉस्पिटल का हिस्सा बना दिया गया। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल बनाने की घोषणा के एक साल बाद भी व्यवस्था सुचारु नहीं हो पा रही हैं। हॉस्पिटल में एक साल से रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन नहीं हो पा रहे हैं। अब तक मैन्युअल रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं।
प्रेगनेंट महिलाएं लौटी
हॉस्पिटल के ओपीडी में जांच कराने पहुंची। प्रेगनेंट महिला को जब पता चला कि रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाएगा तो महिला के परिजनों ने उसे प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाने की बात कहते हुए चले गए। कतार में खड़ी कई महिलाएं ऐसी भी थी, जिन्हें दून हॉस्पिटल जाना पड़ा।
ओपीडी में भी हंगामा
रजिस्ट्रेशन कांउटर में हंगामे के बाद महिला ओपीडी में भी लाइन तोड़ने पर हंगामा हो गया। अटेंडेट का दावा था कि सुबह नौ बजे से वह अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच पीछे से एक महिला आकर आगे खड़ी हो गई।
ओपीडी में गार्ड नहीं
डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी के बाहर कोई गार्ड नहीं है। ऐसे में लम्बी कतारों में खड़े पेशेन्ट्स के बीच कई बार झगड़ा हो जाता है और हंगामे के हालात पैदा हो जाते हैं। गार्ड न होने के कारण लोग आपस में ही उन्हें शांत करने का प्रयास करते हैं, लेकिन हंगामा लंबा खिंच जाता है।
कई बार होता है हंगामा
सूत्रों के अनुसार ओपीडी में जांच के पहुंचे पेंशेन्ट्स कई बार हंगामा कर देते है। कभी दवाई न मिलने पर, कभी लाइन तोड़ने पर तो कभी रजिस्ट्रेशन न होने पर तो कभी डॉक्टर के न होने पर हंगामा हो जाता है।
समय पर नहीं आती बुक
डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए कई बार हेल्थ डिपाटमेंट को पत्र लिख चुके हैं। इसके बाद भी अब तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू नहीं हो पाया है। यहां तक कि रजिस्ट्रेशन के लिए लॉग बुक बनाने वाली कंपनी को भी एक साल से पेमेंट न होने के कारण वह भी रजिस्ट्रेशन लॉग बुक समय से नहीं भेज रहा है।
विभाग को पत्र भेजा गया है। जल्द ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। गार्ड की भी कमी है। हॉस्पिटल में केवल 4 गार्ड हैं।
डॉ। प्रवीन पंवार,
इंचार्ज गांधी शताब्दी हॉस्पिटल
हम सुबह नौ बजे से खड़े हैं। अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। जब रजिस्ट्रेशन ही नहीं होगा तो जांच कैसे होगी। कई लोग तो गिरकर चले भी गए।
सांवरी, पेंशेंट
हम ओपीडी में जांच कराने आये हैं। पर यहां पर कोई व्यवस्था ही नहीं है। कोई भी कभी भी कहीं से भी चला जा रहा है। हम करें भी क्या।
ज्योति, पेंशेंट
हम सुबह से इंतजार कर रहे हैं। यहां पर कोई व्यवस्था नहीं है। रजिस्ट्रेशन से लेकर ओपीडी तक हर जगह पेशेंट्स को परेशानी हो रही है।
सीमा, पेशेंट
मैं पर्चा बनाने के लिए आधे घंटे तक इंतजार करती रही। इस बीच रजिस्ट्रेशन काउंटर से अचानक स्टाफ ने कह दिया कि लॉग बुक खत्म हो गया और ताला जड़ दिया।
समीना मलिक, पेशेंट