नोटबंदी के मामले में कांग्रेस सरकार और संगठन की खास रणनीति

-करेंसी चेंज न होने से परेशान लोगों को लुभाने की सरकार की कोशिश

-कई दिन रक्षात्मक रहने के बाद कांग्रेस संगठन अब आक्रामक मूड में

DEHRADUN: नोटबंदी पर रविवार को कांग्रेस सरकार और संगठन एक खास रणनीति पर काम करते नजर आए। सरकार ने नोटबंदी पर लोगों के गुस्से को भुनाने के लिए जहां राहत के दो बडे़ फैसले किए, वहीं कांग्रेस के प्रदेश नेताओं ने सड़कों पर उतरकर गुस्से का इजहार किया। साथ ही अब रक्षात्मक की जगह आक्रामक होने का संदेश भी आगे बढ़ा दिया।

स्टांप, वैट नुकसान की होगी समीक्षा

सीएम हरीश रावत ने नोटबंदी के बाद स्थिति को लेकर आज सुबह अपने निवास पर अफसरों के साथ बैठक की। सीएम रावत ने इस मौके पर कहा कि नोटबंदी के बाद राज्य को स्टांप और वैट आदि का कितना नुकसान हुआ है, इसका आंकलन किया जाएगा।

राज्य सरकार के फैसले

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-सरकारी हॉस्पिटल में सारी जांच सुविधाएं फ्री होंगी। तीन महीने तक ये सुविधाएं उनको भी मिलेंगी, जो सीएम स्वास्थ्य बीमा योजना में कवर नहीं हैं। उत्तराखंड का वोटर आईडी कार्ड जरूरी।

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-किसान अपना बिजली का बिल आधा ही भर सकेंगे, ताकि बाकी रकम से वह बीज, खाद आदि की खरीद कर सके। इस संबंध में सरकार की ओर से ऊर्जा विभाग को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

राज्य सरकार की अपेक्षा

-सरकारी अधिकारी विभिन्न बैंकों के साथ तालमेल बनाएं। ताकि दिक्कत कम हो।

-बैंक दूरदराज के इलाकों में मोबाइल एटीएम की सुविधा दे। सुरक्षा सरकार देगी।

-बैंकों में बुजुर्गो, दिव्यांगों और शादी वालों के लिए अलग से लाइन बनवाएं।

सड़कों पर कांग्रेस ने दिखाया गुस्सा

-नोटबंदी पर अभी तक रक्षात्मक रूख अपनाने वाली कांग्रेस अब सड़कों पर गुस्सा दिखाने लगी है। पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में आज कांग्रेसियों ने कांग्रेस भवन से जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। कांग्रेस राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजना चाहते थे, लेकिन हाथीबड़कला पुलिस चौकी पर उन्हें रोक लिया गया। कांग्रेसी यहीं पर धरने पर बैठ गए। इस मौके पर पीसीसी चीफ ने कहा कि नोटबंदी से आम आदमी का जीना मुहाल हो गया है।