-किशोर उपाध्याय बोले, सभा सचिवों के जैसे जल्द हो मंत्रियों की तैनाती

-मंत्रियों को भी तो चाहिए विभाग समझने का मौका

>DEHRADUNप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा है कि मंत्रिमंडल के रिक्त पद भरने का यही सही मौका है। जल्द ही चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में क्या मंत्री पद चुनाव के बाद भरे जाएंगे। तब तक तो नया मंत्रिमंडल आ जाएगा। उन्होंने कहा कि मंत्रियों को काम भी करने होते हैं और उन्हें विभाग समझने का मौका भी चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि जिस तरह सरकार ने सभा सचिवों की तैनाती का निर्णय लिया, उसी तरह मंत्रिमंडल में खाली पदों के मामले में भी तुरंत निर्णय लिया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय पिछले कई दिनों से नाराज चल रहे हैं। अब उन्होंने मंत्रिमंडल में रिक्त चल रहे दो पदों को शीघ्र भरे जाने की पैरवी की है। उन्हाेंने कहा कि जिसे भी मंत्री बनाया जाएगा, उसे विभाग को समझने में भी समय लगेगा। इससे विकास कार्यो को बेहतर तरीके से करने में मदद मिलेगी। मंत्री पद गढ़वाल से ही भरे जाने के संबंध में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री के विवेक पर है। समय और राजनीति के अनुसार ही इस पर निर्णय लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंत्री पदों को भरे जाने के संबंध में वे शीघ्र ही मुख्यमंत्री से भी बात करेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वैसे यह उनका विशेषाधिकार है कि वह इन पदों को कब भरते है।

विस भंग करने की बात सीएम ने की खारिज

मुख्यमंत्री हरीश रावत सोशल मीडिया में चल रही खबरों को दरकिनार करते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकता योजनाओं को क्रियान्वित करने की है। दरअसल, सोशल मीडिया में खबरें चल रही हैं कि मुख्यमंत्री इस महीने कभी भी विधानसभा भंग कर सकते हैं। बीजापुर में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीतिक घटनाक्रम के कारण विकास कार्य प्रभावित हुए हैं। सरकार की प्राथमिकता पहले योजनाओं को क्रियान्वित करने के साथ राज्य को विकास के पथ पर आगे करने की है।

ब्लॉक हुए बजट को ढूंढ रही सरकार

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सरकार के सामने बड़ी लड़ाई बजट को लेकर है। जिसको केंद्र सरकार ने ब्लॉक किया है। उस रुके हुए बजट के लिए सरकार चॉबी ढूंढ़ने की कोशिश कर रही है। जिसके कारण प्रदेश में विकास कार्य प्रभावित हो चुके हैं। वहीं, वित्त मंत्री इंदिरा हृदयेश का कहना है कि वित्तीय संकट सरकार के सामने है, उसका हल ढूंढ़ लिया गया है। फिक्र की कोई बात नहीं।