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-सूत्रों के अनुसार नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी से भट्ट की छुट्टी तय

-महामंत्री संगठन में भी बदलाव के आसार

-सुरेश भट्ट व धर्मपाल में से एक को मिल सकती है जिम्मेदारी

DEHRADUN: रणनीतिक मोर्चे पर लगातार हार से हुई फजीहत को देखते हुए अब प्रदेश भाजपा में कुछ महत्वपूर्ण पदों पर फेरबदल को लेकर चर्चाओं ने जोर पकड़ा है। बताया जा रहा है कि लगातार हार से प्रदेश भाजपा के एक बड़े तबके में असंतोष बढ़ता जा रहा है। ऐसे में सूत्र बता रहे हैं कि प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट से नेता प्रतिपक्ष का पद छीना जा सकता है। वहीं प्रदेश महामंत्री संगठन की जिम्मेदारी भी दूसरे काे सौंपी जा सकती है।

रणनीति काम न आई भाजपा की

बीती क्8 मार्च से लेकर भ्ब् दिनों तक प्रदेश में रहे राजनीतिक संकट के दौरान भाजपा अपनी रणनीति में सफल नहीं हो पाई। वहीं राज्य सभा चुनाव के दौरान भी भाजपा को मात खानी पड़ी है। निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर रास चुनाव में उतरी दलित महिला गीता ठाकुर ने पार्टी पर कई आरोप लगाते हुए रास चुनाव के ऐन मौके पर पार्टी छोड़ दी। इसी दिन क्0 जून देर रात भरोसेमंद भीमताल के विधायक दान सिंह ने भी पार्टी को नमस्ते कह दिया। पिछले तीन महीनों के भीतर बीजेपी को एक के बाद एक कई झटके लगे और वह हर सियासी चालों में फेल होती रही।

निर्देशन दिल्ली से, चेहरे प्रदेश से

अब विधानसभा चुनाव के लिए यह साल चुनावी वर्ष है। पार्टी के अंदर फिक्र शुरू हो गई है। बताया जा रहा है ऐसी विफलताओं के बाद प्रदेश भाजपा के एक बड़े तबके में असंतोष जारी है। हालांकि पार्टी में एक तबका यह भी मान रहा है कि इन राजनीतिक घटनाक्रमों में प्रदेश भाजपा नेतृत्व को महज मोहरे के तौर पर यूज किया गया। जबकि सच्चाई यह भी है कि पार्टी की हर सियासी रणनीतियां दिल्ली दरबार से ही तय होती रही हैं। सूत्रों की मानें तो केंद्रीय नेतृत्व के फैसलों को मनवाने के लिए राज्य भाजपा को मजबूर किया जाता रहा। कुछ भाजपा नेता स्वीकार भी रहे हैं कि प्रदेश से ज्यादा केंद्रीय नेतृत्व लगातार हार के लिए ज्यादा जिम्मेदार है। पार्टी सूत्र बता रहे हैं कि अब प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट से नेता प्रतिपक्ष का पद वापस लिया जा सकता है। वहीं, प्रदेश महामंत्री संगठन भी निशाने पर बताए जा रहे हैं।

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कौश्िाक व तीरथ का नाम आगे

नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में सबसे आगे हरिद्वार के विधायक मदन कौशिक बताए जा रहे हैं। इसके अलावा वे विधानसभा में मुख्य सचेतक भी हैं। हाल में अजय भट्ट के प्रदेश अध्यक्ष बनने के दौरान उनके नाम पर चर्चाओं ने जोर पकड़ा था। इसके अलावा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत का भी नाम लिया जा रहा है।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बाद बदलाव के आसार

बताया जा रहा है रास चुनाव में एक विधायक का इस्तीफा, गीता ठाकुर के पार्टी छोड़ने के घटनाक्रम पर प्रदेश अध्यक्ष को हाईकमान ने तलब किया है। इलाहाबाद में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद प्रदेश भाजपा में बदलाव के अासार दिख सकते हैं।

भट्ट व धर्मपाल में से एक को जिम्मेदारी

महामंत्री संगठन में भी बदलाव की पूरी संभावनाएं बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार जिम्मेदारी हरियाणा के महामंत्री संगठन सुरेश भट्ट या फिर विद्यार्थी परिषद की जिम्मेदारी देख रहे धर्मपाल को जिम्मेदारी मिल सकती है।