देहरादून, ब्यूरो :

देहरादून को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए 2018 में स्मार्ट सिटी परियोजना पर काम शुरू किया गया। 1406 करोड़ का प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया। जिसमें घंटाघर के दो किलोमीटर सर्किल को बिजली, पानी और सड़क से लेकर यातायात आदि व्यवस्थाओं को ओटोमेटेड किया जाना था, प्रोजेक्ट सफल होने के बाद इसका विस्तार किया जाना था, लेकिन चार बार डेडलाइन बढऩे के बाद भी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की हकीकत सामने है।

ये काम हुए पूरे (लागत करोड़ में)
स्मार्ट स्कूल - 5.92
वाटर एटीएम - 1.98
डीआईसीसीसी सेंटर - 289
मोमेंटल फ्लैग - 0.09
सिटीजन आउटरीज प्रोग्राम- 1

ऑनगोइंड प्रोजेक्ट्स की प्रॉगे्रस
कार्य का नाम लागत प्रतिशत
करोड़ में
मॉडर्न दून लाइब्रेरी 13.25 65
वाटर सप्लाई 36.40 65
पलटन बाजार फुटपाथ 13.81 50
स्मार्ट पोल 93.22 40
स्मार्ट रोड 203 35

ये काम नहीं हुए शुरू
- चाइल्ड फ्रेंडली सिटी
- ग्रीन बिल्डिंग
- स्मार्ट सड़क घंटाघर से चकराता रोड
- इंट्रेक्टिव बस स्टॉप
- मल्टी यूटिलिटी डक्ट
- पौधरोपण, पार्किंग ग्राउंड एवं साइकिलिंग ट्रैक
- परेड ग्राउंड के चारों और कारपेट ग्रास और फव्वारे

कारपेट ग्रास की जगह उग आई झाडिय़ां
शहर के दिल कहे जाने वाले परेड ग्राउंड के चारों ओर हरियाली के लिए पेड़, कारपेट ग्रास और ट्रैकिंग रूट समेत कई कार्य प्रस्तावित थे, लेकिन आज तक एक भी कार्य पूरा नहीं हो पाया। कारपेट घास लगाने की जगह झाडिय़ां उग बाई है। बताया गया कि इस जगह कारपेट घास लगाई गई थी, जिसे चुनावी रैली ने रौंद डाला। इस ग्राउंड में कई कार्य प्रस्तावित हैं, लेकिन आजकल यहां कोइ काम नहीं चल रहा है।


स्मार्ट सिटी के कार्य से जगह-जगह खुदी सड़कों से जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अनिल कुमार, इंदिरा मार्केट
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स्मार्ट सिटी के कार्यों से परेड ग्राउंड तहस-नहस हो गया है। पूरे ग्राउंड की सुंदरता गायब हो गई।
हरीष कुमार, जीएमएस रोड
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स्मार्ट सिटी के नाम पर पानी की तरह धन बहाया गया है, लेकिन आम आदमी को कोई भी सुविधा नहीं मिली।
इंद्रेश अरोड़ा, घंटाघर
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पल्टन बाजार में आवाजाही में थोड़ा सुधार आया है, लेकिन फुटपाथ अधूरा होने से पब्लिक को दिक्कतें हो रही है।
राहुल कुमार, पल्टन बाजार
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स्मार्ट सिटी के कार्यों को तय समय पर पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। विलंब से शुरू होने वाले कार्यों को दु्रत गति से पूरा किया जाएगा। इसके लिए निर्माणकारी कंपनियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं।
केके मिश्रा, एसीईओ, स्मार्ट सिटी, देहरादून