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नवरात्र पर देवी के नौ रूपों की स्तुति की जाती है। अंतिम दिन कन्याओं की पूजा अर्चना कर उनके पांव छुए जाते हैं। श्रद्धा का यह भाव नारी को देवी बताने के लिए काफी है, लेकिन फिर भी देवी रूपी नारी असुरक्षित हैं। कभी मनचलों की गिद्द नजर उनका पीछा करती हैं तो कभी भद्दी टिप्पणी और छेड़छाड़ उन्हें शर्मसार कर देती है। आईनेक्स्ट अपनी सामाजिक जिम्मेदारी समझते हुए नरवरात्र के दौरान अपनी स्पेशल सीरीज 'इज्जत करो' में बताएगा कि राजधानी में कहां देवी तुल्य नारी असुरक्षित है। इसी क्रम में आज आपको बताया जा रहा है शहर के उस स्थान के बारे में जहां हमारे दूसरे देश से आए 'मेहमान' रोजाना ईव टीजिंग का शिकार होते हैं यानि तिब्बती मार्केट के बारे में

अंदर के लिए---

- तिब्बती मार्केट बना मनचलों का पसंदीदा अड्डा

- भीड़ का फायदा उठकार करते हैं महिला ग्राहकों से छेड़छाड़

- दुकानों में मौजूद सेल्स ग‌र्ल्स पर कसी जाती हैं फब्तियां

देहरादून। भारत में 'अतिथि देव भव:' की परंपरा है। ऐसे में यदि नवरात्र पर महिला अतिथि पहुंच जाए तो उसका स्थान और भी बढ़ जाता है। लेकिन तिब्बती मार्केट में यह परंपरा धूमिल होती नजर आती है। इसका कारण कुछ और नहीं बल्कि शोहदे हैं, जो तिब्बत से आई अतिथि रूपी महिलाओं को भी 'मेहमान' के बजाय गंदी नजर से देखते हैं। इतना ही नहीं वे इन महिलाओं पर फब्तियां कसने से भी बाज नहीं आते। इस बात की तस्दीक खुद तिब्बती मार्केट में मौजूद तिब्बती समुदाय की सेल्स ग‌र्ल्स करती हैं।

महिलाएं ही हैं यहां दुकानदार

दरअसल, फ्राइडे को आईनेक्स्ट टीम अपने विशेष कैंपेन 'इज्जत करो' के तहत दोपहर करीब 12 बजे तिब्बती मार्केट पहुंची। छोटी-छोटी करीब 200 दुकानों वाले इस मार्केट में अधिकतर दुकानें कपड़ों की हैं, जिनका संचालन तिब्बती मूल की महिलाएं ही करतीं हैं। विश्वसनीय और अच्छे बोल-चाल के कारण इनके पास दिनभर महिला ग्राहकों की भीड़ जुटती है। यही कारण है कि मनचले के लिए भी यह स्थान पसंदीदा स्थानों में से एक है।

अनोखा था यहां छेड़छाड़ का तरीका

मार्केट में छेड़छाड़ का तरीका भी अनोखा नजर आया। शोहदे खरीददारी के बहाने संकरे रास्ते वाले इस मार्केट में घुस जाते हैं और फिर भीड़ का फायदा उठाकर महिला ग्राहकों से छेड़छाड़ करते हैं। यह बात दूसरी है कि भीड़ के कारण महिलाएं इसका विरोध करती नजर नहीं आई, लेकिन पड़ताल जारी रही तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आने लगे। यहां मौजूद अतिथि रूपी तिब्बती मूल की महिलाएं भी शोहदों से परेशान नजर आई। पूछताछ में उन्होंने शोहदों की हरकतों का बखान करना शुरू कर दिया।

फब्तियां कसना आम बात

मार्केट में दुकान चलाने वाली महिला सेल्समैन दावा और छूनी ने बताया कि मार्केट में मनचले न केवल हम लोगों को बेवजह कपड़े दिखाने सहित अन्य तरीकों से परेशान करते हैं, बल्कि गंदी नजरों से भी घूरते हैं। कई मर्तबा वे लड़कियों पर फब्तियां भी कसते हैं। दुकानों के बाहर मौजूद ग‌र्ल्स कस्टमर्स से भी भीड़ का फायदा उठाकर छेड़छाड़ की जाती है।

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छेड़छाड़ की घटनाएं

वर्ष घटनाएं

2012 34

2013 21

2014 17

2015(मार्च तक) 08

(नोट:- आंकड़े पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार हैं, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है)

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कोट्स::::

आईनेक्स्ट की यह मुहिम सराहनीय है। लोगों को ग‌र्ल्स के प्रति अपना नजरिया बदलने की जरूरत है। यह तभी संभव होगा जब हम ईव टीचिंग जैसी घटना दिखाई देने पर उसका विरोध करेंगे।

सिरप, स्थानीय दुकानदार

यह बात सही है कि तिब्बती मार्केट में मौजूद महिला दुकानदारों पर कुछ लोग फब्तियां कसते हैं। कई बार ऐसे लोगों को पुलिस के हवाले किया गया है।

थुपिन, स्थानीय दुकानदार

सबसे अधिक दिक्कत उस दौरान सामने आती है, जब यात्री सीजन चलता है। इस दौरान बाहर से आए लोग दुकानों में मौजूद सेल्सग‌र्ल्स को खासा परेशान करते हैं।

पासा, सेल्सगर्ल

शोहदे उन दुकानों पर बेवजह खड़े रहते हैं, जहां ग‌र्ल्स खरीददारी करने पहुंचती हैं। इससे बिजनेस भी प्रभावित होता है। लोगों की यह बात बिल्कुल सही नहीं है। कई मर्तबा हमें ऐसे लोगों को भगाना पड़ता है।

दावा, स्थानीय महिला दुकानदार

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आओ शपथ लें

आईनेक्स्ट की इस मुहिम का पता चलते ही मार्केट से शोहदे खिसकते नजर आए। हालांकि इस दौरान कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने इस मुहिम की सराहना की। मार्केट में मौजूद लोगों ने आईनेक्स्ट की मुहिम की सराहना करते हुए शपथ ली कि वे महिलाओं का न केवल सम्मान करेंगे बल्कि ईव टीजिंग दिखाई देने पर उसका विरोध भी करेंगे।

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ऐसे करें बचाव:::

- किसी परिचित के साथ ही घर से बाहर निकले

- अपने साथ फोन जरूर रखें और जरूरत पड़ने पर उसका उपयोग करें

- रात को समय से पहले घर पहुंचने का प्रयास करें

- कोई परेशान करे तो तत्काल शिकायत पुलिस कंट्रोल रूम नंबर 100 पर करें

- परिजनों के साथ मामले की सूचना महिला हेल्पलाइन नंबर 1090 पर भी दी जा सकती है

- जरूरी लगे तो अपने साथ ग‌र्ल्स सिक्योरिटी के उपकरण रखें, मसलन चिली स्प्रे आदि

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साइक्लोजिस्ट बताते हैं नजरिया बदलने की जरूरत

सीनियर साइक्लोजिस्ट डॉ। मुकुल शर्मा बताते हैं कि नवरात्र पर नौ दिन तक नारी के अलग अलग रूपों की पूजा होती है, जिसका अलग-अलग मतलब है। मात्र वत्र या फिर नारी के देवी स्वरूप की पूजा करने से कुछ नहीं होगा। परिजनों को इसका मतलब बच्चों को बताना चाहिए। ताकि वे समाज में महिलाओं का सम्मान कर सके। जब लोग इस बात का मतलब समझ लेंगे तो ईव टीजिंग सहित महिला अत्याचारों के अन्य मामले में गिरावट आनी शुरू हो जाएगी।

वर्जन:::

छेड़छाड़ होने पर लड़कियों को उसे नजर अंदाज नहीं करना चाहिए, बल्कि उसका विरोध कर तत्काल शिकायत पुलिस को करनी चाहिए, ताकि भविष्य में छेड़छाड़ करने वाला इस तरह की हरकत दौबारा न कर सके।

पुष्पक ज्योति, डीआइजी/ एसएसपी