-सीएम ने केंद्रीय गृह मंत्री से जोशीमठ मामले को लेकर की भेंट

देहरादून: सीएम ने आपदा राहत के लिए केंद्र से सहायता का अनुरोध किया। सीएम ने गृह मंत्री को जानकारी दी कि जोशीमठ शहर जनपद चमोली का तहसील हेडक्वार्टर है, बदरीनाथ का शीतकालीन निवास स्थान है। सामरिक, सांस्कृतिक व टूरिज्म की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है।

अमित शाह के सामने रखा ब्योरा
-जोशीमठ बसा है पुराने भू-स्खलन की मोटी परत के मलबे के ऊपर
-जोशीमठ में भू-स्खलन, भवनों में दरारों का रहा है पुराना इतिहास।
-अचानक 2 जनवरी की रात से भवनों में मोटी दरारें आई प्रकाश में।
-जेपी प्लांट के नीचे 500 एलपीएम की नई धारा फूटने की शिकायत हुई प्राप्त।
-अभी तक क्षेत्र का 25 परसेंट भू-भाग, भू-धंसाव से प्रभावित
-जोशीमठ की अनुमानित जनसंख्या करीब 25000
-पालिका क्षेत्र में दर्ज भवन करीब 4500
-इनमें से 849 भवनों में चौड़ी दरारें परिलक्षित
-अस्थायी रूप से विस्थापित 250 परिवार
-सर्वे का काम जारी, बढ़ रहे प्रभावित परिवार व भवन

8 केंद्रीय संस्थान कर रहे परीक्षण
सीएम ने गृह मंत्री को बताया कि फिलहाल, पुनर्वास के लिए पांच स्थल चिन्ह्ति किये गये हंै। जिनका भू-गर्भीय सर्वे किया जा रहा है। जोशीमठ के कुल 9 में से 4 वार्ड पूरी तरह प्रभावित हैं, जबकि 8 केन्द्रीय तकनीकी संस्थान प्रभावित क्षेत्र में वैज्ञानिक परीक्षण कर रहे है।

मल्टी डिसिप्लिनरी विजिट हुआ
सीएम ने जानकारी दी कि 16 से 22 अगस्त 2022 के बीच मल्टी डिसिप्लिनरी कमेटी (यूएसडीएमए, जीएसआई, आईआईटी रुड़की, सीबीआरआई रुड़की व डब्ल्यूआईएचजी) ने क्षेत्र का स्थलीय सर्वेक्षण किया था। भू-धंसाव के कारण व उपाय इंगित किये गये थे। सचिव आपदा उत्तराखंड की ओर से 5 से 7 जनवरी 2023 के बीच मल्टी डिसिप्लेनरी कमेटी (यूएसडीएमए, जीएसआई, आईआईटी रुड़की, सीबीआरआई रुड़की व डब्ल्यूआईएचजी) के बीच विजिट कर कुछ कांक्रीट रिकमंडेशन किये हैं।

अफसर प्रभावित क्षेत्र में कर रहे हैं कैंप
सीएम ने कहा कि 8 जनवरी को पीएमओ के कैबिनेट सचिव, एनडीएमए व यूएसडीएमए के अन्य केंद्रीय विभागों के साथ एक समीक्षा बैठक आहूत की गई। 9 जनवरी को एमएचए, जीओआई की हाई पावर्ड टीम व एडीएमए के सभी मेंबर्स ने दून में समीक्षा की और जोशीमठ का विजिट किया। कहा, डीएम, कमिश्नर व अन्य अफसर प्रभावित क्षेत्र में कैंप कर रहे हैं। केंद्रीय तकनीकी संस्थानों से विचार विमर्श के बाद अवगत कराया गया है कि क्षेत्र में बड़े लेवल पर पुनर्निर्माण की जरूरत है। जिसका फाइनल एस्टीमेशन टेक्निकल इंस्टीट्यूशंस की ओर से आना बाकी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के आग्रह पर केंद्रीय गृह मंत्री ने जोशीमठ के भू-धंसाव क्षेत्र के प्रभावितों की मदद का पूरा भरोसा दिया।