- सेलाकुई थाना इलाके के राजावाला में एक 21 वर्षीय युवक ने फांसी लगाकर किया सुसाइड

- रायपुर इलाके में जान देने की कोशिश कर रहे एक युवक को दून पुलिस ने बचाया

17 लोग सुसाइड कर चुके जून में

5 जुलाई तक 4 सुसाइड

16 से 30 वर्ष के सबसे ज्यादा सुसाइड

देहरादून,

दून में सुसाइडल टेंडेंसी थमने का नाम नहीं ले रही है। सेलाकुई थाना इलाके के राजावाला में एक 21 वर्षीय युवक ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। इससे पहले सैटरडे को दून में दो अलग-अलग इलाकों में सुसाइड के मामले सामने आए थे, इधर रायपुर इलाके में जान देने की कोशिश कर रहे एक युवक को दून पुलिस ने बचा लिया।

घर पर रहता था युवक

सेलाकुई थाना इलाके के ग्राम राजावाला में 12वीं पास एक युवक ने पंखे से लटकर कर सुसाइड कर लिया। युवक पंखे में दुपट्टा बांध झूल गया, उसकी पहचान सूरज राणा के रूप में हुई। मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ। परिजनों से बातचीत में भी पुलिस को सुसाइड का कोई ठोस कारण नहीं मिला है। पुलिस का दावा है कि युवक इंटर करने के बाद घर पर ही रहता था। ऐसे में अचानक सुसाइड करना किसी के गले नहीं उतर रहा है।

कांस्टेबल ने बचाई युवक की जान

दून पुलिस के कांस्टेबल की सूझबूझ से संडे को एक युवक को सुसाइड अटेंप्ट से बचाया गया। जानकारी के अनुसार पुलिस चौकी बालावाला में तैनात कांस्टेबल देवी प्रसाद सती साप्ताहिक बंदी ड्यूटी पर तुनवाला क्षेत्र में तैनात था। देवी प्रसाद सती को एक व्यक्ति जगदीश प्रसाद भट्ट मिला जिसके द्वारा बताया गया कि उसका बेटा शंभू प्रशाद भट्ट मानसिक रूप से बीमार है और आज सुबह वह घर से कहीं निकल गया। बताया कि उनका बेटा बार-बार सुसाइड की बात करता रहता है। जानकारी मिलते ही कांस्टेबल देवी प्रसाद द्वारा तत्काल रेलवे पटरी तुनवाला मियांवाला से गुलरघाटी की तरफ युवक की तलाश की तो करीब 500 मीटर पटरी चलने के बाद शंभू प्रशाद भट्ट पटरी पर बैठा मिला। कांस्टेबल द्वारा समझा बुझाकर पटरी से हटाया गया और उसे परिजनों के हवाले कर दिया।

पिछले 5 दिनों में 4 सुसाइड

अनलॉक होते ही सुसाइड केसेज लगातार सामने आ रहे हैं। अकेले जून में 17 लोग सुसाइड कर चुके हैं। जिनमें अधिकतर केस 19 से 29 वर्ष उम्र लोग शामिल हैं। जुलाई में 5 दिनों में 4 सुसाइड के मामले सामने आ चुके हैं। आईआईपीसी के फाउंडर प्रेजिटेंड डॉ। मुकूल शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के समय जो आर्थिक तंगी का सामना युवाओं को करना पड़ा, उसका असर अनलॉक में भी नजर आ रहा है। ऐसे में युवाओं को उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है, साथ ही परिवार, समाज का कोई सहयोग नहीं मिला। ऐसे में युवा सुसाइड का रास्ता चुन रहे हैं। जो कि चिंताजनक है। ऐसे में सामंजस्य बनाकर रखें। युवाओं को इस समय धैर्य की जरुरत है। उन्होंने बताया कि मेक्सिमम सुसाइड के केस 16 से 30 उम्र के बीच के हैं। डॉ। मुकुल ने बताया कि उन्होंने खुद 22 लोगों को इन दिनों में सुसाइड अटेंप्ट से बचाया है।

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ऐसे बचें तनाव से

आर्थिक तंगी से परेशान न हों। धैर्य बनाकर रखें,

समस्या होने पर एक्सपर्ट से बात करें।

लॉकडाउन सर्वाइवल इयर में जो भी काम मिले, वो काम करें।

जरुरत लगे तो पुलिस से भी हेल्प ले सकते हैं।

परिजनों से बातचीत करते रहें।