- शहर को बदरंग करने वालों पर निगम की चुप्पी

- पिछले साल नगर निगम ने वसूला था 61 हजार का जुर्माना

- दिसंबर से निगम ने नहीं लिया किसी के खिलाफ एक्शन

देहरादून

एक तरफ देहरादून नगर निगम में स्वच्छ सर्वेक्षण में रैंकिंग बढ़ाने की पुरजोर कोशिश में जुटा हुआ है और दूसरी तरफ शहर अब में कूड़े से अटा हुआ है। लोग अब भी धड़ल्ले से सड़कों के किनारे और खाली प्लॉटों पर कूड़ा फेंक रहे हैं, लेकिन नगर निगम ने इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। पिछले साल नवंबर तक नगर निगम नगर निगम कभी-कभी कूड़ा फेंकने और इधर-उधर थूकने वालों पर कार्रवाई करता था, लेकिन दिसंबर में इस तरह की कार्रवाई बंद कर दी गई।

पिछले साल 61 हजार जुर्माना

वर्ष 2020 में जनवरी से नवंबर तक नगर निगम ने कूड़ा फेंकने और इधर-उधर लापरवाही से थूकने में सिर्फ 147 चालान किये और जुर्माने के रूप में 61 हजार 50 रुपये की मामूली धनराशि वसूल की गई। दिसंबर में तो यह कार्रवाई पूरी तरह से बंद कर दी गई। जबकि नगर निगम मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर स्थिति कई सरकारी भवन हैं, जिनमें खूब गंदगी नजर आ जाती है।

डेयरियों पर भी कार्रवाई नहीं

नगर निगम क्षेत्र में हजारों की संख्या में डेयरियां चल रही हैं। डेयरी चलाने वालों को सख्त हिदायत है कि वे गोबर नालियों में न बहाएं, लेकिन इस तरफ से भी नगर निगम मौन है। पिछले वर्ष गोबर नालियों में बहाने वाली मात्र 17 डेयरियों के चालान किये गये, जबकि सिटी के अनेक हिस्सों में डेयरी चलाने वाले धड़ल्ले से गोबर नालियों में बहा रहे हैं।

प्लास्टिक वेस्ट पर भी चुप्पी

2019 के नवंबर से लेकर 2020 के मार्च तक नगर निगम ने सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ भी जमकर अभियान चलाया था। लेकिन अब इस पर भी मौन साध लिया गया है। लॉकडाउन के बाद से जमकर प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन पूरे साल में नगर निगम ने प्लास्टिक कचरा फैलाने के मामले में सिर्फ 235 चालान किये। जुर्माने के रूप में 1 लाख 63 हजार रुपये वसूले गये।

2020 में किये गये चालान

हेड चालान जुर्माना

प्लास्टिक वेस्ट 235 1,60,200

कूड़ा फेंकना 147 61050

गोबर- मलबा 17 16,700

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स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है। प्लास्टिक पर अभी कोई आदेश नहीं मिला है। फिलहाल बैनर-पोस्टर लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इस बारे में नोटिस दिये जा रहे हैं।

संजय कुमार, नोडल अधिकारी

स्वच्छ सर्वेक्षण, नगर निगम