- मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने राष्ट्रपति से मांगी प्राण त्यागने की अनुमति

- 225 पेज का पत्र भेजा राष्ट्रपति को, सीएम को निशाने पर रखते हुए पूछे सवाल

HARIDWAR: गंगा में खनन बंदी की मांग पर मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने अब राष्ट्रपति को पत्र भेज कर प्राण त्यागने की अनुमति मांगी है। उन्होंने इस पत्र की कॉपी पीएम, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, उत्तराखंड के गवर्नर और नैनीताल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को भी भेजी है।

शिवानंद ने पूछे भ् सवाल

मातृसदन में स्वामी शिवानंद ने पत्रकारों से बातचीत में में बताया कि उन्होंने ख्ख्भ् पेज का पत्र राष्ट्रपति को भेजा है, जिसमें पांच सवाल उनके द्वारा पूछे गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनके सवालों के जवाब एक सप्ताह में नहीं मिले तो वे कठिन तपस्या से अपने प्राण त्याग देंगे।

ये हैं सवाल

क्- उत्तराखंड में संविधान का राज चलेगा या सीएम हरीश रावत की मर्जी?

ख्- क्या राज्य सरकार को सांस्कृतिक धरोहर गंगा को नष्ट करने का अधिकार है?

फ्- क्या सरकार के मुखिया को वैज्ञानिकों की रिपोर्ट, हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों को दरकिनार करने का अधिकार है?

ब्- उत्तराखंड कैबिनेट को रायवाला से भोगपुर तक खनन की अनुमति किस आधार पर दी गई है?

भ्- क्या सीएम हरीश रावत की धन कमाने की लालसा के फेर में गंगा को नष्ट करने का अभियान यूं ही चलता रहेगा?