वार्ड नबंर 3 का है मामला

अक्टूबर मंथ में जाखन के वार्ड नंबर 3 में एनपीआर के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ। इस काम के लिए प्रगणक आंगनबाड़ी कर्मचारी कुसुम को घर-घर जाकर लोगों को फॉर्म बांटने और उसके बाद उसे जमा करने का काम सौंपा गया, लेकिन प्रगणक ने गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए जाखन में सोशल वर्कर राजेंद्र सिंह नेगी को यह 26 फॉर्म का बंडल सौंप दिया। अब राजेंद्र सिंह नेगी ने सभी लोगों के फॉर्म तो भरवा दिए, लेकिन उसे पता नहीं था कि यह फॉर्म जमा कहां करने हैं। प्रगणक को कई बार राजेंद्र ने फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद राजेंद्र ने डीएम ऑफिस, नगर निगम आदि जगहों के चक्कर काटे, लेकिन उक्त ऑफिस से बताया गया कि यह फॉर्म यहां सबमिट नहीं होंगे।

फॉर्म सबमिट करने के लिए काटे चक्कर

एनपीआर फॉर्म में दिए गए नंबर पर 24 दिसंबर को राजेंद्र नेगी ने जनगणना निदेशालय में फोन किया। यहां उन्होंने फॉर्म सबमिट करने की जानकारी मांगी। वहां मौजूद विभागाधिकारी ने फोन पर बताया कि यह फॉर्म महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं और इन्हें अपने पास ही संभाल कर रखिए। आपसे जल्द ही ले लिए जाएंगे। विभागाधिकारी ने इसके साथ ही वार्ड में काम कर रहे उस प्रगणक का नाम और फोन नबंर भी मांगा, लेकिन इसके बाद संबंधित ऑफिस ने नेगी को कोई फोन तक नहीं आया। अब अंत में राजेन्द्र नेगी को किसी माध्यम से पता चला कि देहरादून में एनपीआर के लिए नगर निगम में केन्द्र बनाया गया है, जहां एनपीआर से जुड़े कर्मचारी बैठते हैं। 21 जनवरी को राजेन्द्र नेगी नगर निगम पहुंचे और एनपीआर के कर्मचारियों को वह सभी 26 फॉर्म सबमिट किए।