देहरादून ब्यूरो। पिछले दिनों इस मामले के तार राज्य सचिवालय से जुड़े होने की आशंका जताई गई थी। लेकिन, एसटीएफ ने इस बारे में अभी तक कोई खुलासा नहीं किया है। हालांकि जांच लगातार जारी रहने की बात एसटीएफ की ओर से कही जा रही है।

युवाओं के साथ धोखा
यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में हुए कई बड़े खुलासों के बाद अब राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन भी इस मामले पर मुखर हो रहे हैं। उत्तराखंड आंदोलन और उसके बाद लगातार नागरिक अधिकारों के सक्रिय उत्तराखंड महिला मंच ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है। मंच की अध्यक्ष कमला पंत ने कहा है कि यह राज्य के बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि यह पूरा प्रकरण सिर्फ छोटे स्तर के कर्मचारियों के बस का नहीं है। उन्होंने आशंका जताई कि इसमें कुछ बड़े अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। युवा शक्ति संगठन ने इस प्रकरण को लेकर नाराजगी जताई है। संगठन ने यह भी कहा है कि इससे पहले भी तमाम परीक्षाओं में इस तरह की धांधली होने की पूरी संभावना है। नौकरी के लिए लगातार मेहनत कर रहे युवाओं को उत्तराखंड में छला जा रहा है।

कहां-कहां फैले हैं तार
एसटीएफ ने अब तक इस मामले में जो गिरफ्तारियां की हैं, उससे पता चल रहा है कि इस प्रकरण के तार कई विभागों तक जुड़े हुए हैं। हालांकि इस मामले में अब तक छोटे स्तर के कर्मचारियों और अन्य लोगों की ही गिरफ्तारियां हु़ई हैं। एक सीजेएम और एक एसीजेएम कोर्ट के जूनियर असिस्टेंट सहित इस मामले में अब तक एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के दो संविदा कर्मचारी एक पुलिस कांस्टेबल, एक प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी और कोचिंग सेंटर्स आदि से जुड़े कुछ अन्य लोगों की गिरफ्तारी हुई है।

कब क्या हुआ
-यूकेएसएसएससी ने 4 व 5 दिसंबर को विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए राज्यभर में परीक्षा ली थी।
- इस परीक्षा में पेपर लीक होने की एक शिकायत देहरादून के थाना रायपुर में दर्ज करवाई गई थी।
- सीएम के आदेश पर मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई।
- 24 जुलाई को एसटीएफ ने सबसे पहले 6 लोगों को गिरफ्तार किया।
- इन 6 लोगों से की गई पूछताछ के बाद अब तक 6 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
- गिरफ्तार किये गये लोगों में दो एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के संविदा कर्मचारी, एक लखनऊ स्थित प्रिंटिंग प्रेस का कर्मचारी, दो कोर्ट के जूनियर असिस्टेंट और एक पुलिस कर्मी शामिल हैं।