-अगले हफ्ते से शुरू कर दी जाएगी गिनती

-हर 2 वर्ग किमी के एरिया में लगाए गए कैमरे

-0ख् चरणों में की जाएगी बाघों की गिनती

-700 वर्ग किलोमीटर एरिया पहले चरण में होगा कवर

-क्ख्88 वर्ग किलोमीटर है पार्क का पूरा एरिया

-म्भ्0 कर्मचारियों को लगाया गया गिनती के काम में

-ख्क्भ् बाघ हैं कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में (वर्ष ख्0क्ब् की गिनती)

-ब्ब् टाइगर रिज‌र्व्स में से कॉर्बेट में सबसे ज्यादा बाघ

-ख्ख्ख्म् बाघ हैं देश के सभी ब्ब् टाइगर रिज‌र्व्स में

-70 फीसदी बाघों की संख्या सबसे ज्यादा भारत में

-9 बाघ औसतन मर रहे हैं पूरे देश में

-क्ब् बाघों की मौत हुई इस साल उत्तराखंड में

-म् बाघों का शिकार हुआ इस साल राज्य में

देहरादून

कॉर्बेट नेशनल पार्क प्रशासन पहली बार खुद पार्क में बाघों की गिनती करने जा रहा है। इसकी पूरी तैयारी हो चुकी है और अगले हफ्ते से बाघों की गिनती का काम शुरू कर दिया जाएगा। इससे पहले यहां बाघों की गिनती का काम केंद्र और राज्य सरकार मिलकर करते रहे हैं। इस बार बाघों की गिनती के लिए नेशनल पार्क के कोने-कोने में कैमरे भी लगा दिए गए हैं। पार्क प्रशासन ने हर दो वर्ग किलोमीटर की दूरी पर हाईटेक कैमरे लगाए हैं। इस काम के लिए म्भ्0 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

दो फेज में की जाएगी गिनती

कॉर्बेट नेशनल पार्क में बाघों की गिनती का काम दो चरणों में पूरा किया जाएगा। आपको बता दें कि इस नेशनल पार्क का क्षेत्रफल क्ख्88 वर्ग किलोमीटर का है। पार्क प्रशासन के मुताबिक पहले चरण में 700 वर्ग किलोमीटर के इलाके में गिनती का काम शुरू होगा और बाकी एरिया में दूसरे चरण में काम किया जाएगा।

कॉर्बेट में हैं सबसे ज्यादा बाघ

कॉर्बेट नेशनल पार्क में देश के दूसरे नेशनल पार्को की तुलना में सबसे ज्यादा बाघ हैं। आंकड़ों के मुताबिक देश के दूसरे सभी टाइगर रिजर्व में ख्ख्ख्म् बाघ हैं। इनमें से ख्क्भ् बाघ अकेले कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हैं। आपको बता दें कि देश में कुल ब्ब् टाइगर रिजर्व हैं। ये आंकड़े वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के हैं। डब्लूआईआई के मुताबिक दुनिया में बाघों की संख्या का 70 फीसदी हिस्सा भारत में है।

बाघों पर गंभीर पार्क प्रशासन

बाघों के लगातार होते शिकार की वजह से पार्क प्रशासन के माथे पर लकीरें खिंची हुई हैं। बाघों की गिनती के साथ-साथ ये भी पता चल सकेगा कि किस इलाके में कितने बाघ हैं। इससे उनकी सुरक्षा के इंतजाम भी और ज्यादा अच्छे तरीके से किए जा सकेंगे। आंकड़ों पर नजर डालें तो हालात चिंताजनक हैं। इस साल उत्तराखंड में अब तक कुल क्ब् बाघों की मौत हुई है, जबकि इनमें से म् का शिकार किया गया। इस साल तस्करों से म् बाघ की खालें बरामद हुईं।