- कोविड-19 टेस्ट के लिए घंटों आशारोड़ी पर रुकना पड़ रहा लोगों को

- मौके पर टॉयलेट और पीने की पानी तक ही नहीं है व्यवस्था

देहरादून

बाहरी राज्यों से दून आने वालों के लिए आशारोड़ी चेकपोस्ट बड़ी समस्या बन गया है। कोविड-19 टेस्ट और चेकिंग के लिए यहां दून आने वालों को 2 से 3 घंटे तक रुकना पड़ रहा है। लेकिन, मौके पर टॉयलेट तक की व्यवस्था नहीं है। नगर निगम ने यहां एक मोबाइल टॉयलेट उपलब्ध करवाया है। लेकिन, टॉयलेट कंडम हालत में है। इसके दरवाजे टूटे हुए हैं और पानी की भी व्यवस्था नहीं है। जिला प्रशासन ने ट्यूजडे को पानी की व्यवस्था करने का भरोसा दिया है।

हाईटेक टॉयलेट फांक रहे धूल

जिला प्रशासन ने नगर निगम को आशारोड़ी में टॉयलेट की व्यवस्था करने का कहा था। नगर निगम में जो बायो मोबाइल टॉयलेट भेजा है, वह पूरी तरह से कंडम है। आगे और पीछे की तरफ इसमें पांच टॉयलेट हैं। इनमें से चार के दरवाजे टूटे हुए हैं और पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में ये टॉयलेट यहां सिर्फ शोपीस बनकर रह गया है।

परमानेंट टॉयलेट जर्जर

यह चेकपोस्ट सेल टैक्स विभाग का है, लेकिन अब बंद पड़ा है। यहां यहां परमानेंट टॉयलेट है, लेकिन वह भी पूरी तरह से टूटा फूट गया है और इसमें भी पानी की व्यवस्था नहीं है। इस टॉयलेट में वॉश बेसिन में पूरी तरह से टूट चुके हैं। अंदर गंदगी की ऐसी हालत है कि इसका फोटो पब्लिश करना भी संभव नहीं है।

कर्मचारी भी परेशान

चेकपोस्ट पर आने वाले पैसेंजर्स ही नहीं, बल्कि यहां तैनात किये गये कर्मचारी भी परेशान हैं। खासकर महिला कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बाहर से आने वाले अक्सर टॉयलेट और पानी की व्यवस्था न होने से कर्मचारियों के साथ उलझते हैं, लेकिन कर्मचारी खुद परेशान हैं।

महिलाओं को ज्यादा परेशानी

चेकपोस्ट पर पुलिस, एडमिनिस्ट्रेशन और हेल्थ डिपार्टमेंट के साथ ही प्राइवेट पैथोलॉजी लैब के करीब 40 कर्मचारी ड्यूटी कर रहे हैं। उन्हें भी टॉयलेट के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है। पुरुष चेकपोस्ट के पीछे जंगल का सहारा लेते हैं, लेकिन महिलाओं के लिए 8 से 10 घंटे के ड्यूटी के दौरान परेशानी उठानी पड़ रही है।

हर व्यक्ति का टेस्ट

इस चेकपोस्ट पर बाहर से और खासकर दिल्ली, एनसीआर और आगरा से आने वाले हर व्यक्ति का सैंपल टेस्ट करने के आदेश हैं। हालांकि जो लोग किसी शादी आदि में हिस्सा लेने आ रहे हैं और तुरन्त वापस लौट रहे हैं, उन्हें टेस्ट से छूट दी जा रही है। जिन लोगों को दून में ही कुछ दिन रुकना है, उन सभी का सैंपल टेस्ट किया जा रहा है। यहां केवल प्राइवेट व्हीकल्स से आने वालों को ही टेस्ट और एंट्री की जा रही है।

पॉजिटिव आने पर वापसी

आशारोड़ी पर हर रोज 500 से ज्यादा लोगों का सैंपल टेस्ट किया जा रहा है। सैटरडे को 997 लोगों के टेस्ट लिए गये थे, इनमें पांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। संडे को करीब 500 लोगों के टेस्ट हुए और कोई पॉजिटिव नहीं आया। मंडे दोपहर तक 150 से ज्यादा टेस्ट किये जा चुके थे। यहां जिन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, उन्हें वापस भेज दिया जाता है। उनसे एक हलफनामा भरवाया जाता है कि वे वापस जाकर संबंधित अथॉरिटी और अपने इलाके की पुलिस का सूचित करेंगे। साथ ही संबंधित व्यक्ति के क्षेत्र की अथॉरिटी को भी इस बारे में सूचित किया जाता है।

लोगों ने कहा टॉयलेट जरूरी

दिल्ली से दून आ रहे प्रमोद ने आशारोड़ी पर टॉयलेट और पानी जैसी सुविधा न होने पर नाराजगी जताई। वे अपने पूरे परिवार के साथ आये थे और करीब ढाई घंटे उन्हें यहां रुकना पड़ा। उन्होंने कहा कि टॉयलेट, पानी के अलावा खाने-पीने का कोई ढाबा यहां होना चाहिए। कई अन्य लोगों ने भी टॉयलेट और पानी की सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही।

आशारोड़ी में टॉयलेट की व्यवस्था है, लेकिन पानी की समस्या आ रही है। मैंने खुद जाकर वहां स्थिति देख ली है और कल वहां पहले से बने सेल टैक्स विभाग के टॉयलेट को खुलवाकर पानी की व्यवस्था करने के साथ ही एक कर्मचारी को भी नियुक्त किया जाएगा।

बीरसिंह बुदियाल, एडीएम फायनेंस