आई स्पेशल

सुनील ढौंडियाल

-पहले चरण के लिए सितंबर में मांगे जा सकते हैं टेंडर

-ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक बनेंगी 17 सुरंगे

-125 किमी का रेल ट्रैक होगा बेहद रोमांचक

DEHRADUN: ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल लाइन का सपना देखने वाले उत्तराखंड के लोगों के लिए शायद जल्द ही खुशखबरी मिल जाए। एक हफ्ते पहले हरिद्वार के दौरे पर आए रेलवे के जीएम एके पुठिया ने बताया था कि कर्णप्रयाग रेल लाइन पर जल्दी ही काम शुरू करने की योजना है। खास बात ये है कि ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक का ये रेल सफर बेहद ही रोमांच भरा रहेगा। दरअसल इस रेल लाइन का 8भ् फीसदी हिस्सा टनल्स यानि सुरंगों से होकर गुजरेगा। तैयारी चल रही है कि इस प्रोजेक्ट के पहले फेज के लिए सितंबर के दूसरे हफ्ते में टेंडर मंगा लिए जाएं।

दो चरणों में होगा क्लीयरेंस

कर्णप्रयाग रेल लाइन के लिए दो चरणों में क्लीयरेंस मांगा गया है। पहला चरण म् पा‌र्ट्स में डिवाइड किया गया है और ये ऋषिकेश में ही चंद्रभागा नदी तक तय किया गया है। इस चरण को मंजूरी मिल गई है और उम्मीद है कि सितंबर के दूसरे हफ़्ते से इस पर काम करने के लिए टेंडर जारी किए जा सकते हैं।

पांच जिलों में होंगे क्0 स्टेशन

कर्णप्रयाग रेल लाइन उत्तराखंड के पांच जिलों से होकर गुजरेगी। देहरादून, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग और चमोली इसमें शामिल हैं। खास बात ये है कि क्ख्भ् किमी की इस रेल लाइन में क्0 रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे। अनुमान लगाया गया है कि इस पूरे प्रोजक्ट का काम शुरू हुआ तो इसे पूरा करने में करीब 8 साल का वक्त लग जाएगा।

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पर्यटकों की लगेगी लाइन

सबसे खास बात ये है कि ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक जब ये रेल ट्रैक पूरा हो जाएगा तो उत्तराखंड में पर्यटकों का तांता लगने लगेगा। ये रेल ट्रैक इतना रोमांचक और सुरक्षित होगा कि पर्यटक यहां खिंचे चले आएंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि ये रेल लाइन शिमला की टॉय ट्रेन के सफर से कहीं अधिक रोमांचक होगी। आरवीएनएल के ज्वाइंट जनरल मैनेजर सुमित जैन ने ये बताया कि इस रेल लाइन का करीब 8भ् फीसदी हिस्सा सुरंगों से गुजरेगा। ये परियोजना दुनिया की सबसे मुश्किल परियोजनाओं में सेएक है, क्योंकि रेलवे लाइन के लिए हिमालय स्वयं में एक बहुत मुश्किल स्थान है। उन्होंने बताया कि अपनी तरह की ये देश में पहली परियोजना है।

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सबसे खास होगी ये रेल लाइन

रेलवे की ये बहुप्रतीक्षित योजना को जल्द ही अमली जामा पहनाए जाने की तैयारी चल रही है। सर्वे का काम पूरा हो चुका है। इसी साल अप्रैल में इस रेल परियोजना की लागत क्म्,ख्क्भ् करोड़ रुपये आंकी गई है। खास बात ये है कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मुख्य रेल टनल के साथ एक और सुरंग बनाई जाएगी जिसमें मोटरमार्ग होगा। यह हर ब्00-भ्00 मीटर पर मुख्य या रेल सुरंग से जुड़ेगा। ये सब इसलिए किया गया है ताकि आपात स्थिति या दुर्घटना के वक्त तुरंत मदद मिल सके।