- हिल एरियाज में लाइवलीहुड और मेडिकल फैसिलिटीज बढ़ाएंगे
- पलायन रोकने के लिए साइंटिफिक वर्क प्लान पर जोर

देहरादून, (ब्यूरो)। सीएम की अध्यक्षता में फ्राइडे को सचिवालय में ग्राम्य विकास व पलायन निवारण आयोग की बैठक आयोजित की गई। कहा, इंडस्ट्री, टूरिज्म, एग्रीकल्चर व बागवानी को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। कहा, जो लोग रिवर्स पलायन कर राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वरोजगार के साथ ही अन्य लोगों को भी स्वरोजगार से जोड़ रहे हैं, ऐसे लोगों को प्रोत्साहित किया जाए। सीएम ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के संसाधन बढ़ाने व अवस्थापना विकास से संबंधित केंद्र व राज्य की योजनाओं का आम जन को पूरा लाभ मिले।

आयोग सौंप चुका 19 रिपोर्ट
इस दौरान ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ। एसएस नेगी ने कहा कि आयोग की ओर से अब तक 19 रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत की जा चुकी हैं। यूएसनगर की रिपोर्ट भी जल्द सौंपी जायेगी। कहा, लोगों का रुझान रिवर्स माइग्रेशन की दिशा में बढ़ रहा है। आयोग के मेंबर दिनेश रावत ने सुझाव दिया कि स्टेट में एग्रीकल्चर व बागवानी को बढ़ावा देने के लिए फसलों को जंगली जानवरों से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपाय करने होंगे।

पलायन आयोग के सुझाव
-सीएम सौर स्वरोजगार योजना को राज्य में और बढ़ावा देना होगा।
-विलेजेज में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ)को बढ़ावा देना होगा।
-हिल एरियाज में युवाओं व महिलाओं को स्वरोजगार से जोडऩा होगा।
-चारधाम यात्रा मार्गों पर प्राचीन मंदिरों को भी जोडऩे की जरूरत।
-इससे धार्मिक टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा।
-लोकल लेवल पर लोगों की आजीविका भी बढ़ेगी।
-स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए हर जिले में नोडल अफसर हों।

सीमांत दर्शन योजना पर विचार
रंजना रावत ने सुझाव दिया कि हिल एरियाज में एमएसएमई को और बढ़ावा देना होगा। कृषकों को समय पर उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध हों, कारणवश, वे कहीं बाहर से भी अच्छी क्वालिटी के बीज ले रहे हों, तो उन्हें सब्सिडी समय पर मिले। अनिल शाही ने कहा कि गांवों को केन्द्र मानकर विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में प्रयास करने होंगे। सीमांत क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए सीमांत दर्शन योजना शुरू करने की दिशा में विचार करना होगा।
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