-डीएम ने दिए चिकित्सक पर एफआईआर कराने के आदेश

-रजिस्ट्रेशन रद्द कराने को मेडिकल कॉउंसिल को भेजा पत्र

-अविवाहित युवती का गर्भपात कराने का मामला

>DEHRADUN: देहरादून की एक चिकित्सक गर्भपात कराने के मामले में फंस गई है। डीएम ने जांच में दोषी पाए जाने पर जहां अल्ट्रासाउंड मशीन और नर्सिगहोम को सील करने के आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग को चिकित्सक के खिलाफ एफआईआर कराने, रजिस्ट्रेशन रद्द कराने को मेडिकल काउंसिल को पत्र लिखने के आदेश भी दिए है।

बौठियाल नर्सिगहोम पर गिरी गाज

बौठियाल नर्सिगहोम पर बीस वर्षीय एक अविवाहित युवती का गर्भपात कराने की शिकायत की गई थी। इसकी जांच सिटी मजिस्ट्रेट, सीएमओ और डिप्टी सीएमओ की संयुक्त टीम कर रही थी। जांच में नर्सिगहोम के खिलाफ की गई शिकायतें सही पाई गई।

उड़ाई पीसीपीएनडीटी एक्ट की धज्जियां

इस मामले में पीसीपीएनडीटी एक्ट के नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ाने का मामला सामने आया। जांच में सामने आया कि नर्सिग होम पर ख्म् हफ्ते के गर्भ में पल रहे भू्रण का परीक्षण कराया गया जो गलत है। प्रशासन के मुताबिक इसके बाद डॉ। नीना चौरसिया जो मात्र एमबीबीएस है ने ख्म् हफ्ते के गर्भ को गिरा दिया, जबकि एमबीबीएस चिकित्सक को मात्र छह सप्ताह के भू्रण को ही उपचारित करने का अधिकार प्राप्त है। वह भी गर्भवती में भू्रण में अविकसित हो या अन्य गंभीर बीमारी हो। छह सप्ताह से ज्यादा के भू्रण को विशेषज्ञ डॉक्टर गायनोकलोजिस्ट ही उपचारित कर सकती है। ख्0 हफ्ते के बाद गर्भपात कराना कानूनी अपराध माना जाता है।

मानवाधिकार आयोग में गया था मामला

यह प्रकरण मानव अधिकार आयोग के संज्ञान में पहुंच गया था। डीएम को जब इस मामले का पता चला तो इस मामले की जांच सिटी मजिस्ट्रेट और सीएमओ एवं संबंधित डिप्टी सीएमओ की संयुक्त टीम बनाकर जांच शुरू कर दी गई। टीम ने जांच में शिकायतों को सही पाते हुए चिकित्सक के खिलाफ रिपोर्ट डीएम को सौंप दी।

कराई जाएगी एफआईआर

डीएम रविनाथ रमन ने जांच में दोष सिद्ध होने पर डॉ। नीना चौरसिया के मैसर्स बौंठियाल नर्सिंग होम टर्नर रोड की अल्ट्रासाउंड मशीन को सील करने, उनके मेडिकल के पेशे के विरुद्ध आचरण के लिए मेडिकल रजिस्ट्रेशन को निरस्त करने के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को पत्र भेजने और एफआईआर दर्ज कराने के आदेश स्वास्थ्य विभाग को दिए।

नियमों पर भारी मनमानी

पीसीपीएनडीटी एक्ट की बात करें तो एक नियम यह भी है कि केवल नर्सिग होम में भर्ती मरीजों के लिए पोर्टेबल मशीनों का प्रयोग किया जाएगा। इसके अलावा क्लीनिक या अन्य सेंटर पर स्थाई मशीन रखी जाएगी। देहरादून के आंकडे़ देखें तो एक या दो जगह नहीं, बल्कि पूरे क्भ् जगहों पर नियम विरुद्ध पोर्टेबल मशीन प्रयोग होती पकड़ी गई हैं। स्वास्थ्य विभाग इन्हें सील भी कर चुका है। कमाल यह है कि यह मशीनें पहले से ही चल रही थी, लेकिन पिछले वर्ष ही विभाग को इस ओर ध्यान गया। लाईसेंस देते समय इस पर नजर नहीं रखी गई थी।

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मामला गंभीर था। नर्सिग होम पर जो शिकायतें थी, वह सही पाई जाने पर कार्रवाई की गई है। पीसीपीएनडीटी एक्ट का सीधे तौर पर उलंघन करने का मामला था।

---रविनाथ रमन, डीएम, देहरादून

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डीएम की ओर नर्सिगहोम सील करने, एफआईआर कराने के आदेश मिले हैं। डीजीसी की राय के बाद कार्रवाई की जाएगी।

--डॉ। एसपी अग्रवाल, सीएमओ, देहरादून