देहरादून

राज्य के अलग-अलग विभागों से हटाए गए उपनल कर्मचारियों को सरकार दोबारा बहाल करने जा रही है। इसके लिए सभी विभागों के प्रमुख सचिवों, जिलाधिकारियों, दोनों मंडलायुक्तों, विभागाध्यक्षों एवं उपनल के प्रबंध निदेशक को आदेश जारी कर दिए गए हैं। कुछ समय पहले ही उपनल के जरिए अलग-अलग विभागों में रखे गए करीब 800 से ज्यादा कर्मचारियों को हटा दिया गया था।

खूब हुई राजनीति

उपनल के जरिए रखे गए कर्मचारियों को लेकर सूबे में खूब राजनीति हुई है और हो भी रही है। यह विभाग कांग्रेस से बगावत कर किनारा कर चुके पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के पास था। उन पर आरोप लगे कि उन्होंने अपने नजदीकियों को और नियम कायदे ताक पर रखकर ये नियुक्तियां कराईं। इसी को आधार बनाकर बीते दिनों बड़ी संख्या में आउटसोर्स कर्मचारियों पर गाज गिरी।

रंग लाया आंदोलन!

विभागों से निकाले गए उपनल कर्मियों ने अपनी बहाली के लिए आंदोलन किया। इतना ही नहीं, अभी भी उपनल कर्मी खुद को परमानेंट करने की मांग पर आंदोलन कर रहे हैं। बीते रोज आंदोलनरत उपनल कर्मचारियों को मुख्यमंत्री ने हटाए गए कर्मचारियों को दोबारा सेवा में रखे जाने का भरोसा दिया था। आखिर अब राज्य सरकार निकाले गए कर्मचारियों को दोबारा बहाल कर रही है तो इसे उपनलकर्मियों की जीत के तौर पर ही देखा जा रहा है।

शुक्रवार को शासनादेश जारी

मुख्यमंत्री के निर्देश पर सैनिक कल्याण सचिव आनंद ब‌र्द्धन ने शुक्रवार को दो शासनादेश जारी किए। एक आदेश में अकारण हटाए गए कर्मचारियों को दोबारा सेवायोजित किए जाने की कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें प्रतिबंध ये भी है कि उपनल कर्मचारी कदाचार के दोषी नहीं होने चाहिए। आदेश में कहा गया कि उपनल से हटाए गए कार्मिकों के संबंध में मुख्यमंत्री शीघ्र ही विभागवार समीक्षा करेंगे। दूसरे शासनादेश में विभिन्न महकमों में सृजित पदों के सापेक्ष कार्यरत उपनल कर्मचारियों की नौकरी पर आंच न आए, इसके लिए नियमित भर्ती को भेजे गए अधियाचन पर कार्यवाही पर अमल रोका गया है।