- पुलिस ने कनक चौक पर बैरिकेड लगाकर रोका
- आगे न बढ़ने देने पर कर्मियों ने सड़क पर दिया धरना
DEHRADUN: नियमितीकरण की एक सूत्रीय मांग को लेकर आंदोलनरत उपनल कर्मचारियों ने महा रैली निकाली। कर्मियों ने मांग पूरी न होने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए सचिवालय कूच किया। लेकिन, पुलिस ने उन्हें बैरिकेड लगाकर कनक चौक पर ही रोक दिया। तकरीबन तीन घंटे तक वहीं जमे रहने के बाद अचानक कर्मचारियों ने लैंसडौन चौक पर जाम लगा दिया। यहां पुलिस के साथ झड़प भी हुई। पुलिस ने कुछ कर्मचारियों को हिरासत में भी लिया है। पुलिस के समझाने पर कर्मचारियों ने जाम खोला तो फिर से कनक चौक पहुंच गए। खबर लिखे जाने तक वह वहीं डटे थे। कर्मियों ने शासनादेश जारी होने तक वहीं डटे रहने का ऐलान किया।
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
प्रदेश भर के विभिन्न विभागों में तैनात उपनल कर्मी मंगलवार को महा आक्रोश रैली परेड मैदान स्थित धरना स्थल पहुंचे। जहां से करीब डेढ़ बजे रैली के रूप में सचिवालय कूच किया। लेकिन पुलिस ने उन्हें कनक चौक पर ही रोक दिया। जिसके बाद वे वहीं धरने पर बैठ गए। उपनल महासंघ के अध्यक्ष भावेश जगूड़ी ने कहा कि सरकार का काम सिर्फ झूठे वादे करना और धोखा देना रह गया है। सरकार उपनल कर्मचारियों को दरकिनार कर रही है। इसका खामियाजा विधानसभा चुनाव में भुगतना होगा। प्रदर्शन में आप नेता कुंवर जपेंद्र सिंह, पार्षद अरुण खन्ना, महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष कुशाग्र जोशी, प्रदेश सचिव हर्षवर्धन जोशी, कोषाध्यक्ष पंकज पालीवाल, प्रवक्ता आशुतोष पुरोहित, गढ़वाल मंडल अध्यक्ष विजय राम खंकरियाल, कुमाऊं मंडल अध्यक्ष धीरज कांडपाल, जिलाध्यक्ष देहरादून दीपक चौहान, अंकित नेगी, सोबन सिंह, गिरीश कुमार आदि शामिल रहे।
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आंदोलन पर एक नजर
- उपनल कर्मचारी ख्म् जून से तीन दिन की हड़ताल पर गए थे।
- ख्7 जून को सचिवालय कूच के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था।
- ख्8 को मुख्यमंत्री आवास का घेराव के दौरान क्भ् घंटे तक हाथीबड़कला बैरिकेड पर जमे रहे। पुलिस ने गिरफ्तारी के साथ मुकदमा भी दर्ज किया।
- इसके बाद क्रमिक अनशन भी शुरू किया, जो जारी है।
- कई बार मुख्यमंत्री से वार्ता हुई। बीते शुक्रवार को दो शासनादेश भी जारी हुए, लेकिन उपनल कर्मचारी नहीं माने।
- शनिवार को राजीव भवन में मुख्यमंत्री का घेराव किया।
- घेराव के मामले में पुलिस ने कर्मचारियों पर मुकदमा भी दर्ज किया था।