देहरादून ब्यूरो। पुलिस के अनुसार 8 जुलाई को एसटीएफ को सूचना मिली थी कि एक गिरोह जो कि जज की फोटो अपनी डीपी पर लगाकर सीनियर अधिकारियों को अपने प्रभाव में लेकर आम लोगों से काम करवाने के एवज में ठगी का प्रयास कर रहा है। पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि दोनों नोएडा के रहने वाले हैं। पुलिस को एक संदिग्ध मोबाइल नंबर भी मिला, जो मनोज कुमार के नाम पर रजिस्टर्ड था। इस नंबर से उक्त व्यक्ति ने खुद को जज बताकर दून में एक आईएएस अधिकारी से भी बात की थी। उक्त अधिकारी ने बताया कि उक्त व्यक्ति ने खुद को बताकर उनसे मिलने का टाइम लिया था। वह कुछ लोगों के साथ मिलने आया था और उन्हें भी उस पर शक हुआ था।

नोएडा जाकर दबोचा
पुलिस ने संदिग्ध नंबर और संदिग्ध गिरोह के संबंध में गोपनीय सूचनाएं संकलित की और प्रमाणित सूचना और तथ्यों के आधार पर 9 जुलाई को पुलिस ने नोएडा, सेक्टर 50 महागुन मेपल सोसाइटी में दबिश देकर दो लोगों को अरेस्ट किया। उनके फोन नंबर चेक किए गए तो कई बड़े अधिकारियों नंबर मिले।

आरोपियों की पहचान
- मनोज कुमार पुत्र जुगल किशोर, निवासी 110 महागुन मेपल सेक्टर, 50 नोएडा, उत्तर प्रदेश, उम्र 52 वर्ष।
- राजीव अरोड़ा पुत्र हेमराज, निवासी बरनाला, पंजाब, उम्र 54 वर्ष, हाल पता महागुन मेपल सेक्टर 50 नोएडा।

पहले भी जा चुके जेल
पूछताछ में मनोज कुमार ने बताया गया कि वह और राजीव अरोड़ा बचपन के दोस्त हैं। उसने मोदी रबर में 5 वर्र्ष नौकरी की। कम पैसा मिलने के कारण लोगों को विदेश भेजने का काम भी किया। कई लोगों को फर्जी कागजात तैयार कर विदेश भेजा। बाद में एम्बेसी ने चाणक्यपुरी थाने में केस दर्ज कराया। कई और केस इस मामले में दर्ज हुए। कई बार वह जेल गया, लेकिन बाहर आकर ठगी का धंधा करता रहा। 2015 में पान मसाला की दो कंपनियां खोली, लेकिन 2017 में इनकम टैक्स विभाग ने 850 करोड़ रुपए का टैक्स लगा दिया। टैक्स न भरने के कारण वह तीन साल मेरठ जेल में बंद रहा। जेल से बाहर आने के बाद राजू अरोड़ा के साथ मिलकर लोगों के काम करवाने के नाम पर ठगी शुरू कर दी।

दून में करवानी थी जमीन खाली
इस दौरान उन्हें दून के किसी व्यक्ति की जमीन खाली करवाने का 50 लाख रुपये का ऑफर मिला। इसे उन्होंने मंजूर कर दिया। दून आकर पार्टी के साथ एक आईएएस अधिकारी से मिलने की योजना बनाई। नया सिम लिया। ट्रू कॉलर में जज का नाम सेट किया। जज की डीपी लगाई और एक आईएएस अधिकारी से जज बनकर मिला। अधिकारी से जमीन खाली करवाने में मदद करने को कहा।