विपक्ष का वॉकआउट, 26779 करोड़ काविनियोग विधेयक पास

-सदन में तीन विधेयक पारित, 7 विधेयक पेश

-बीजेपी सदस्यों ने वेल में मचाया हंगामा, स्पीकर पर फेंके कागज के गोले

-स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर विपक्ष का हंगामा

-अधिष्ठाता मंडल के वरिष्ठ सदस्य नवप्रभात ने संभाली पीठ

देहरादून

मुख्य तौर पर विनियोग विधेयक को पास कराने के लिए बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन सरकार अपना टारगेट पूरा करने में सफल रही और विपक्ष हंगामा ही करता रह गया। दो दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन सदन में अंदर और बाहर दोनों जगह जमकर हंगामा हुआ। इस बीच सदन की कार्यवाही दो बार रोकनी पड़ी। आखिर में बीजेपी ने वॉकआउट कर दिया और विपक्ष की गैरहाजिरी में सदन में विनियोग विधेयक पारित हो गया। इसमें लेखानुदान को समाहित किया गया है। सरकार ने 26779 करोड़ काविनियोग विधेयक पास कर दिया। इसके साथ ही मलिन बस्तियों को नियमित करने वाला विधेयक और आवासीय विश्वविद्यालय विधेयक भी पास करा लिया गया। सदन में 7 विधेयक पेश किए गए। आज विशेष सत्र का आखिरी दिन है और आज भी विधानसभा में जमकर हंगामा होने के आसार हैं।

प्वाइंटर

यह विधेयक हुए पारित

-विनियोग विधेयक

-मलिन बस्ती विनियमितीकरण विधेयक

-आवासीय विश्वविद्यालय विधेयक

बॉक्स

मार्शल्स ने संभाला मोर्चा

स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बीजेपी ने अपनी रणनीति के मुताबिक सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा कर दिया। स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने कुर्सी नहीं संभाली और अधिष्ठाता मंडल के वरिष्ठ सदस्य नवप्रभात को पीठ सौंप दी गई। बीजेपी सदस्यों ने कागज के गोले बनाकर स्पीकर की तरफ फेंके। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट समेत कई बीजेपी विधायक टेबल पर चढ़कर नारे लगाने लगे। बीजेपी विधायक दलीप रावत काला कुर्ता पहन कर आए थे। उन्होंने सदन में कुर्ता उतारकर लहराया। विपक्षी सदस्यों ने माइक भी उठाकर फेंके। हंगामा इतना बढ़ गया कि मार्शल्स को मोर्चा संभालना पड़ा। बीजेपी विधायकों ने मार्शल्स के साथ भी गुत्थम गुत्था की।

बॉक्स

बीजेपी ने किया वॉकआउट

डेढ़ बजे जब सदन दोबारा शुरू हुआ तो विपक्ष ने फिर हंगामा मचाना शुरू कर दिया। इस बीच अधिष्ठाता नवप्रभात ने स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हाथ खड़े कराकर वोटिंग कराई। इसमें सत्ता पक्ष के करीब 32 वोट प्रस्ताव के खिलाफ पड़े। वोटिंग से विपक्ष और मुखर हो गया और सदन से वॉकआउट कर दिया। विपक्ष का कहना था कि नवप्रभात वोटिंग कराने के लिए अधिकृत नहीं हैं। वॉकआउट के बाद विपक्ष के विधायक धरने पर बैठ गए।

कुंजवाल ने संभाली कुर्सी

स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के खारिज होने के बाद स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने दोपहर ठीक 1.35 बजे कुर्सी संभाल ली। इस बीच डिप्टी स्पीकर ने भी पीठ संभाल ली। फिर सदन में वित्त मंत्री इंदिरा हृदयेश ने विनियोग विधेयक पेश किया जो तुरंत ही पारित हो गया।

वर्जन

विनियोग विधेयक पास हुआ, इसकी बहुत खुशी है। विपक्ष सत्य का सामना नहीं कर पाया क्योंकि इसके लिए हिम्मत होनी चाहिए जो विपक्ष में नहीं है। अधिष्ठाता की जिम्मेदारी नवप्रभात जी को संवैधानिक तरीके से ही दी गई। बीजेपी इसे गलत तरीके से परिभाषित कर रही है।

हरीश रावत, मुख्यमंत्री

सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव तब तक यथावत रहेगा जब तक नौ बागी विधायकों पर फैसला नहीं आ जाता। ऐसे में स्पीकर कैसे पीठ संभाल सकते हैं। हम इसी बात को लेकर राज्यपाल से मिले हैं।

अजय भट्ट, नेता प्रतिपक्ष

अधिष्ठाता मंडल 4 साल पहले बना था। उसके खिलाफ बीजेपी है। हर साल अधिष्ठाता को नए सिरे से चुना जाता है। सरकार को राज्यपाल के पास जाकर प्रोटेम स्पीकर बनाना चाहिए था। सरकार संविधान के उलट चल रही है।

मदन कौशिक, मुख्य सचेतक, बीजेपी