-महाधिवक्ता केस-हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती तो शाम को कर दी नियुक्ति

-साढ़े तीन महीने से खाली पड़ा था पद

-विजय बहादुर सिंह नेगी को सौंपी कमान

-विजय बहादुर के पिता भी रह चुके हैं एनडी सरकार में महाधिवक्ता

-हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील अवतार सिंह रावत विधिक सलाहकार नियुक्त

देहरादून, नैनीताल हाईकोर्ट के सख्त रुख और नाराजगी जताने के बाद आखिर राज्य सरकार एक्शन में आई और शाम तक साढ़े तीन महीने से खाली पड़ा महाधिवक्ता का पद भर दिया गया। सोमवार को इस मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। संवैधानिक मामलों और उत्तराखंड बार एसोसिएशन के काम प्रभावित होने पर अदालत ने नाराजगी जताई थी। इस पर सरकार ने भरोसा दिलाया था कि जल्द ही खाली पड़े महाधिवक्ता के पद पर नियुक्ति कर ली जाएगी। आखिर सोमवार शाम को इस पद पर विजय बहादुर सिंह नेगी की नियुक्ति कर दी गई। नेगी अपर महाधिवक्ता के पद पर थे।

मार्च से खाली था पद

18 मार्च को कांग्रेस में बगावत होने के कुछ ही दिन बाद हरीश रावत सरकार ने बागी विधायक सुबोध उनियाल के भाई यूके उनियाल को महाधिवक्ता के पद से हटा दिया था। अब जाकर यह नियुक्ति हुई है। इधर, अवतार सिंह रावत को विधिक सलाहकार नियुक्त किया गया है। सोमवार शाम जारी शासनादेश के मुताबिक अवतार रावत को कैबिनेट मंत्री स्तर प्रदान किया गया है। विजय बहादुर सिंह नेगी पूर्व एडवोकेट जनरल मेहरबान सिंह नेगी के बेटे हैं। मेहरबान सिंह नेगी पूर्ववर्ती एनडी तिवारी के कांग्रेस सरकार में एडवोकेट जनरल रहे हैं। विजय बहादुर सिंह नेगी के एडवोकेट जनरल नियुक्त करने के करीब ढ़ाई महीने बाद जीओ जारी हुआ है। हालांकि पूर्व विधायक सुबोध उनियाल के भाई व पूर्व एडवोकेट जनरल उमाकांत उनियाल के हटने के आदेश के बाद विजय बहादुर के नाम पर कुछ महीने पहले आदेश हो गए थे। लेकिन अधिकृत तौर शासन स्तर से सोमवार को आदेश जारी हुए हैं। गौरतलब हो कि एडवोकेट जनरल कैबिनेट के पदेन मेंबर होते हैं, जिन्हें कभी भी और किसी भी वक्त कैबिनेट एडवाइस के लिए बुलाया जा सकता है।