- उत्तराखंड से तीन झांकियों के प्रपोजल में से बटर फेस्टिल की झांकी हुई थी सिलेक्ट

- आखिरी चरण में झांकी का प्रपोजल कर दिया गया रिजेक्ट

- राजपथ पर पिछले वर्ष निकली थी उत्तराखंड की झांकी 'अनाशक्ति आश्रम'

देहरादून,

26 जनवरी को पूरा देश गणतंत्र दिवस मनाएगा, लेकिन राजपथ पर उत्तराखंड की झांकी अब नजर नहीं आएगी। दिसंबर में उत्तराखंड से उत्तरकाशी में आयोजित होने वाले बटर फेस्टिवल की झांकी को सिलेक्ट कर लिया गया था। जिसे बाद में रिजेक्ट कर दिया गया है। उत्तराखंड के साथ ही महाराष्ट्र व वेस्ट बंगाल की झांकियों को भी रिजेक्ट किया गया है, दोनों प्रदेशों ने इसे लेकर नाराजगी भी जताई है।

20 वर्ष में 11 बार मौका

राज्य गठन से लेकर अब तक उत्तराखंड को 20 वर्षो के दौरान राजपथ पर अपनी झांकी के प्रदर्शन का 11 बार मौका मिला। पहला मौका वर्ष 2003 में 'फूलदेई'और आखिरी मौका वर्ष 2019 में अनासक्ति आश्रम कौसानी' की झांकी को मिला था। हालांकि वर्ष 2003 से लेकर वर्ष 2020 तक सरकार की ओर से लगातार झांकी के प्रस्ताव भेजे जाते रहे हैं। इस बार भी दो दौर की बैठकें होने के बाद दिसंबर फ‌र्स्ट वीक में होम मिनिस्ट्री की ओर से उत्तराखंड को बटर फेस्टिवल की मंजूरी दे दी गई थी। लेकिन, आखिर में उत्तराखंड का पत्ता साफ हो गया। इस बारे में सूचना विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मिनिस्ट्री ने दूसरे राज्यों को भी चांस दिए जाने का हवाला दिया है। जबकि जानकार बताते हैं कि उत्तराखंड की ओर से झांकी को लेकर पुरजोर कोशिश नहीं हो पाई।

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3 प्रपोजल गए थे उत्तराखंड से

उत्तराखंड की ओर से अबकी बार रिपब्लिक डे पर 3 झांकियों के प्रस्ताव भेजे गए थे। जिसमें बटर फेस्टिवल, वाटर कंजर्वेशन और लाखामंडल की झांकी शामिल की गई थीं। इस बारे में 29 नवंबर को नई दिल्ली में बैठक हुई थी। जिसकी सूचना दिसंबर फ‌र्स्ट वीक में उत्तराखंड को मिली थी।

वर्षवार राजपथ उत्तराखंड की झांकियां

2003--फूलदेई।

-2005--नंदा राजजात।

-2006--वैली ऑफ फ्लावर।

-2007--कॉर्बेट नेशनल पार्क।

-2009--एडवेंचर टूरिज्म।

-2010--हरिद्वार कुंभ।

-2011--चिपको आंदोलन।

-2014--उत्तराखंड की जड़ी-बूटी।

-2015--केदारनाथ।

-2016--रम्माण।

-2018--रूरल टूरिज्म।

2019--कौसानी स्थित गांधी अनाशक्ति आश्रम।

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56 में से 22 प्रपोजल पास

तमाम राज्यों व मंत्रालयों की ओर से रिपब्लिक डे की परेड में दिखाई जाने वाली झांकी को लेकर इस बार केंद्र सरकार के पास कुल 56 प्रपोजल भेजे गए थे। फिलहाल इस वर्ष होने वाली परेड में कुल 22 झांकियां दिखाई जाएंगी। इसमें 16 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों व 6 केंद्रीय मंत्रालयों की तरफ से शामिल की गई हैं।