विपक्ष की गैरमौजूदगी में सदन में पास हुए 7 विधेयक

-विशेष सत्र के दूसरे दिन कार्यवाही से नदारद रहा समूचा विपक्ष

-मुंह पर काली पट्टी बांधकर धरने पर बैठे रहे बीजेपी विधायक

देहरादून, सरकार ने सबसे बड़ा विधेयक विधानसभा में पास करा लिया है। विशेष सत्र के दूसरे दिन सदन में चकबंदी विधेयक पास हो गया। पहाड़ में अलग-थलग पड़ी करीब चार लाख हेक्टेयर भूमि को चकबंदी से अधिक उपयोगी बनाने के अलावा पलायन रोकने जैसे महत्वपूर्ण विधेयक को आखिर पास करा लिया गया। इसके साथ ही 7 विधेयकों को सदन की मंजूरी मिल गई। चकबंदी विधेयक के पारित होने के बाद दावा किया जा रहा है कि सूबे के पर्वतीय क्षेत्रों में अब रिवर्स पलायन होगा। इसी के साथ दो दिवसीय विशेष सत्र के दूसरे दिन विपक्ष के गैरमौजूदगी में सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। वहीं, नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट के नेतृत्व में भाजपा विधायक मुंह पर काली पट्टी बांधकर सदन के बाहर धरने पर बैठे रहे।

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आखिर क्या है चकबंदी?

दरअसल पहाड़ में लोगों की खेती की जमीन अलग-थलग पड़ी हुई है। एक किसान का एक खेत यहां है तो दूसरा कई किलोमीटर दूर। इसी तरह सभी की जमीन एकसाथ न होकर अलग-थलग कोसों दूर बिखरी पड़ी है। चकबंदी हुई तो पैमाइश के मुताबिक हर किसान को उसकी जमीन एक ही स्थान पर मुहैया हो जाएगी। इससे खेती में आसानी होगी। साथ-साथ लगे खेतों में वो किसानी कर पाएगा। लेकिन यह काम इतना आसान नहीं है। पहाड़ में कहीं जमीन उपजाऊ है तो कहीं बिल्कुल बेकार। चकबंदी के तहत जमीन ट्रांसफर करने के लिए किसान आसानी से रजामंद नहीं होंगे। चकबंदी की बदौलत सरकार दावा कर रही है इससे पहाड़ छोड़ चुके लोग वापस लौटेंगे और अपनी जमीन में सोना उगाएंगे। सरकार पहाड़ के लिए लीजिंग पॉलिसी भी बना रही है। बता दें कि पहाड़ में चकबंदी के लिए कई सालों से अलग-अलग आंदोलन भी चल रहे हैं।

नहीं चल पाया प्रश्नकाल

शुक्रवार को प्रश्नकाल के साथ सदन की कार्यवाही शुरू हुई। लेकिन कार्यवाही के दौरान समूचा विपक्ष सदन से नदारद रहा। इस वजह से प्रश्नकाल नहीं हो पाया। इसके बाद सरकार की तरफ से सरकारी कामकाज निपटाने शुरू हुए। वित्त मंत्री डॉ। इंदिरा हृदयेश ने उत्तराखंड चल चित्र (विनियमन) संशोधन विधेयक 2016 व शहरी विकास मंत्री प्रीतम सिंह पंवार ने उत्तराखंड कूड़ा फेंकना व थूकना प्रतिषेध विधेयक 2016 सदन में पेश किया।

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::इन विधेयकों को मंजूरी:::

-हिमालयन गढ़वाल विवि विधेयक 2016

-रास बिहारी बोस सुभारती विवि विधेयक 2016

-उत्तराखंड बेनामी लेन-देन (प्रतिषेधा) विधेयक 2016

-उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 19599) संशोधन 2016

-उत्तराखंड मूल्य वर्धित कर (द्वितीय संशोधनन)विधेयक 2016

-उत्तराखंड आमोद और पणकर (संशोधनन)विधेयक ख्0क्म्

-उत्तराखंड पर्वतीय क्षेत्रों के लिए जोत चकबंदी एवं भूमि व्यवस्था विधेयक ख्0क्म्

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गरीब सवर्णो को क्0 फीसद आरक्षण देने की मांग

उत्तराखंड विधानसभा ने आर्थिक आधार पर गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे तंगहाल सवर्णो को क्0 प्रतिशत रिजर्वेशन देने का संकल्प भी सर्वसम्मति से पारित किया। सीएम हरीश रावत का कहना था कि उत्तराखंड सहित देश के कई राज्यों में सवर्ण समाज में कई ऐसे लोग हैं, जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। सीएम के संकल्प प्रस्ताव को सदन ने मंजूरी दे दी। सीएम ने कहा संकल्प को केंद्र को भेजा जाएगा और केंद्र तय करे कि कमजोर सवर्ण तबके को किस प्रकार आरक्षण देकर समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जाए।

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फ् माह में भरे जाएंगे रिजर्व बैकलॉग के पद

मुख्यमंत्री ने तमाम विभागों में रिजर्व कैटेगरीज के बैकलॉग को तीन महीने के भीतर अभियान चलाकर भरने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी विभागों को निर्देशित किया गया है और इसकी शुरुआत शिक्षा विभाग से की गई है। सीएम बोले, आउटसोर्सिग में भी आरक्षण का ध्यान रखते हुए दिव्यांगों के रिक्त आरक्षित पदों को भी जल्द भरा जाएगा।

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बसपा सुप्रीमो का मामला उठा

बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ बीजेपी के निष्कासित नेता द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी का मामला उत्तराखंड विस में भी गूंजा। सदन में टिप्पणी की निंदा हुई। सीएम हरीश रावत ने की गई अशोभनीय टिप्पणी पर निंदा प्रस्ताव पेश किया। सीएम के इस प्रस्ताव पर विधायक नवप्रभात व बसपा विधायक हरिद्वार ने स्वयं को संबद्ध करते हुए कानूनी कार्यवाही की मांग की।