देहरादून(ब्यूरो) देवभूमि उत्तराखंड की गलियों में नशे के सौदागर युवाओं की नसों में जहर घोल रहे हैं। इसकी तस्दीक पुलिस की हाल के वर्षों में हुई कार्रवाई भी कर रही है। पुलिस ने करीब ढाई साल में चार हजार से ज्यादा नशा तस्करों को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में नशीले पदार्थ बरामद किए, लेकिन इस सख्ती के बावजूद नशा तस्करी के मामले भी बढ़ रहे हैं।

एनडीपीएस एक्ट में 600 केस दर्ज
इस वर्ष अभी तक एनडीपीएस एक्ट के तहत लगभग 600 मामले पंजीकृत हो चुके हैं, जिनमें करीब 750 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। मादक पदार्थों की रोकथाम एवं इस सम्बन्ध में प्रभावी कार्यवाही हेतु राज्य में वर्ष 2022 में त्रिस्तरीय एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

4 इंटीग्रेटेड रिहेबिलिटेशन सेंटर
नशे की प्रवृति को रोकने एवं नशाग्रस्त व्यक्तियों को मुख्यधारा से जोडऩे और पुनर्वास हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में नशा मुक्ति केंद्रों को प्रभावी बनाया जा रहा है। वर्तमान में राज्य में चार इंटीग्रेटेड रिहेबिलिटेशन सेंटर फॉर एडिक्ट्स संचालित हैं। राज्य सरकार द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों और विशेषकर युवाओं में नशे के दुष्परिणामों को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। नशे की रोकथाम एवं इसके सम्बन्ध में जानकारी तथा जनता को किसी भी प्रकार की सहायता के लिए हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किए गए हैं।

6 माह में 750 तस्कर गिरफ्तार
पुलिस की कार्रवाई पर गौर करें तो वर्ष 2020 में राज्य में नशा तस्करी के 1282 मुकदमे दर्ज किए गए। इनमें 1490 तस्करों को गिरफ्तार किया गया। अगले वर्ष 2021 में मुकदमों की संख्या में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई। राज्य में 1802 मुकदमे दर्ज हुए। इनके तहत पुलिस ने 2165 नशा तस्करों को जेल भेजा वहीं, अगर इस वर्ष के आखिरी छह महीनों की बात करें तो 600 से अधिक मुकदमे दर्ज कर पुलिस ने 750 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया।

दो साल में 5 क्विंटल चरस बरामद
बीते करीब दो साल में पुलिस ने प्रदेशभर में कार्रवाई के दौरान 500 किलो यानी 500 क्विंटल से भी अधिक चरस बरामद की, जबकि स्मैक 42 किलो से अधिक बरामद की गई। इनमें एसटीएफ की बढ़ी कार्रवाई शामिल हैं। इसके अलावा गांजा, डोडा, भांग अफीम की मात्रा अलग है। इस बीच नशीले कैप्सूल और गोलियों व इंजेक्शनों को भी बड़ी मात्रा में बरामद किया गया है।

दून में हर माह 60 मामले
राजधानी में तस्करों का सबसे बड़ा लक्ष्य रहता है। यहां पर शिक्षण संस्थानों को निशाना बना तस्कर बड़ी मात्रा में धंधे को बढ़ा रहे हैं। हालांकि, बीते छह माह की बात करें तो देहरादून पुलिस ने 260 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से चरस, गांजा, अफीम, स्मैक और नशीली दवाइयां बरामद की गई हैं।

ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन की शुरुआत
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ट््यूजडे को दून में ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन-2025 कार्यक्रम की शुरुआत की। इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड को 2025 ड्रग्स फ्री बनाने का लक्ष्य रखा गया है। सभी का मिलकर इस अभियान को सबको मिलकर सफल बनाना है। राज्य में ड्रग ट्रैफिकिंग को रोकने और इसके तंत्र को ध्वस्त करने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। नशा केवल एक व्यक्ति को ही नहीं बल्कि उसके सारे परिवार और समूचे सामाजिक परिवेश को हानि पहुंचाता है। राज्य में जहां एक ओर लोगों और विशेषकर युवाओं में नशे के खिलाफ जागरूकता बढ़ाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर नशा तस्करी से जुड़े अपराधियों के खिलाफ कड़ी करवाई भी की जा रही है। इस अवसर पर सीएम ने ड्रग्स फ्री उत्तराखंड की शपथ भी दिलाई।

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