- हरिद्वार के सभी गंगा घाटों में पानी की कमी

- गंगा के जलस्तर में भारी गिरावट

- पिछले साल के मुकाबले 6 हजार क्यूसेक पानी घटा

HARIDWAR: गंगा का जलस्तर लगातार गिरता जा रहा है, अमूमन गर्मियों के सीजन में ग्लेश्यिरों के पिघलने से गंगा का जलस्तर में इजाफा होता था, लेकिन इस बार गंगा का जलस्तर आश्चर्यजनक रूप से गिर रहा है। ऐसे में धर्मनगरी में पानी का संकट गहरा सकता है।

गंगा में महज ब् हजार क्यूसेक पानी

गंगा किनारे तेजी से सूखते जा रहे हैं, वजह गंगा का जलस्तर गिरना। जलस्तर गिरने से गंगा की मुख्य धारा सहित भागीरथी ¨बदू से सर्वानंद घाट, लोकनाथ घाट, शमशान घाट, जयराम घाट, भीमगोड़ा होते हुए हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड तक सभी घाटों में पानी की कमी साफ देखी जा सकती है। पिछले सालों तक की बात करें तो गर्मियों के सीजन में गंगा घाटों में औसतन क्0 हजार क्यूसेक पानी होता था, लेकिन इस बार जलस्तर घटकर ब् हजार क्यूसेक रह गया है। सर्दियों में गंगा का जलस्तर म् हजार क्यूसेक पानी होता है। इस बार गंगा का जलस्तर काफी गिरा हुआ है।

अब सूखे में हो रही गंगा आरती

गंगा की प्राकृतिक जलधारा में पहले ही पानी की कमी थी, लेकिन गंगा घाटों का जलविहीन होना पहली बार देखा जा रहा है। ऐसे में सूखे घाटों में ही पुजारियों को गंगा आरती करनी पड़ रही है।

जलीय जीवों की भी जान पर बन आई

गंगा में पानी की कमी से न केवल पीने और ¨सचाई के लिए ही संकट खड़ा हुआ है, बल्कि जलीय जीवों पर भी जीवन का संकट मंडरा रहा है। गंगा के जल स्तर में आई कमी का असर भागीरथी ¨बदु उत्तरी हरिद्वार से हर की पैड़ी आने वाली धारा में देखा जा सकता है। इस धारा में दूर दूर तक पानी नजर नहीं आ रहा। हर की पैड़ी पर भी नाममात्र का पानी है।

'गंगा की यह दशा पहले नहीं देखी'

उत्तरी हरिद्वार निवासी बाला देवी का कहना है कि वह प्रतिदिन शाम के समय गंगा घाट पर पूजा-अर्चना के लिए जाती हैं, लेकिन विगत कई दिनों से गंगा में जल न होने से उन्हें मायूस होना पड़ रहा है। इससे पहले गंगा की यह दशा उन्होंने नहीं देखी है। सप्तसरोवर निवासी मुकेश राणा का कहना है कि गंगा की सुंदरता जल से ही है। यदि गंगा में जल नहीं होगा तो गंगा का क्या महत्व रह जाएगा। हर की पैड़ी निवासी सुरेंद्र जोशी का कहना है कि गंगा से ही भारत की पहचान है। यदि गंगा ही नहीं रहेगी तो भारत की पहचान अधूरी होगी।

अ‌र्द्धकुंभ में उत्तराखंड ¨सचाई विभाग ने गंगा में जो रिग्रे¨डग का अंधाधुंध काम किया, उससे पानी का जलस्तर गड़बड़ा गया, वर्तमान में गंगा में करीब ब् हजार क्यूसेक पानी है।

- सुशील यादव, एसडीओ, यूपी ¨सचाई विभाग