उत्तरकाशी (एएनआई): Uttarkashi Tunnel Rescue News Update:सिल्कयारा टनल ढहने से उसके भीतर फंसे 41 वर्कर्स को बचाने के प्रयास तेजी से जारी हैं। बता दें कि वर्कर्स 12 नवंबर से अब तक यानि करीब 216 घंटे से भीतर फंसे हुए हैं। आज इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के प्रेजिडेंट अर्नोल्ड डिक्स रेस्क्यू ऑपरेशन को बेहतर बनाने के लिए उत्तरकाशी की सिल्‍कयारा टनल पहुंच चुके हैं और उन्‍होंने वहां अपना काम भी शुरु कर दिया है। प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स अंडरग्राउंड और ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्टक्टर के एक्सपर्ट हैं। वह अंडरग्राउंड कंस्ट्रक्शन से जुड़े जोखिमों पर भी सलाह देते हैं और अंडरग्राउंड टनल निर्माण पर एक्सपर्ट के रूप में जाने जाते हैं। प्रोफेसर डिक्स ने सिल्क्यारा सुरंग स्थल का इंस्पेक्शन किया और उन एजेंसियों से बात की जो रेस्क्यू ऑपेऱशन में लगे हुए हैं। फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए प्रोफेसर डिक्स कई एजेंसियों के साथ मिलकर बेहतर सॉल्‍युशन निकालने की कोशिश में हैं।

फंसे लोगों तक फूड सप्‍लाई बढ़ाने को 2 नई पाइपलाइंस डालने का काम शुरु
उत्तराखंड गवर्नमेंट और सेंट्रल गवर्नमेंट टनल में फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए बेहतर तालमेल के साथ काम करने की कोशिश कर रही हैं। टनल के एक छोर पर पानी और इलेक्ट्रिसिटी उपलब्ध है। फंसे हुए लोगों को 4 इंच की कंप्रेशर पाइपलाइन द्वारा खाने पीने की चीजें जैसे चना, मुरमुरे , ड्राई फ्रूट्स और दवाएं चीज़े भेजी जा रही हैं। एनएचआईडीसीएल मजूदरों तक खाना पानी भेजने के लिए 6 इंच की एक और पाइपलाइन बना रहा है। इसके लिए 60 मीटर में से 39 मीटर पाइप ड्रिलिंग का काम पूरा हो चुका है। आरवीएनएल ने फंसे हुए लोगों तक ज़रूरी चीज़ों की आपूर्ति के लिए एक और वर्टिकल पाइपलाइन पर काम शुरू कर दिया है।

रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन तेज करने के लिए DRDO की रोबोटिक्स मशीन टनल तक पहुंची
इससे पहले आज,पीएम मोदी ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत की और उत्तरकाशी में ढह गई सिल्कयारा टनल में लास्ट वीक से फंसे 41 लोगो को बचाने के लिए चल रहे ऑपरेशन्स पर बातचीत की। मजूदरों के परिवारीजन और आसपास के लोग टनल के मुहाने पर बने मंदिर में पूजा अर्चना करके अपने संबंधियों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। इसी बीच रेस्‍क्‍यू आपरेशन में तेजी लाने के लिए DRDO की रोबोटिक्स मशीन सोमवार को सिलक्यारा टनल पहुंच चुकी है। सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) फंसे हुए लोगो को निकालने के लिए पहाड़ पर एक वर्टिकल ड्रिलिंग करेगा। इसके लिए जरूरी मशीनरी और इक्विपमेंट गुजरात और ओडिशा से चल चुके हैं। ओएनजीसी ने बाड़कोट साइड से वर्टिकल ड्रिलिंग का शुरुआती काम भी शुरू कर दिया है। बीआरओ ने भी ओएनजीसी और एसजेवीएनएल की मशीनों को पहुंचाने के लिए एप्रोच रोड का काम शुरु कर दिया है।

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