- पांच सालों में बढ़े वाहन, घटती हरियाली बढ़ा रही एक्यूआई का ग्राफ
- ग्रीन पीस इंडिया की पीएमसी रिपोर्ट में सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में बरेली शामिल
बरेली : शहर की फिजा जहरीली करने में कहीं न कहीं हम खुद ही जिम्मेदार हैं। वही रही बची कसर प्रशासन पूरी कर रहा है। ट्यूजडे को ग्रीन पीस इंडिया की ताजा रिपोर्ट जारी की जिसमें देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में बरेली भी शामिल हैं। पीएम 10 पार्टिकल के आधार पर पेश की गई रिपोर्ट में बरेली को 6वां स्थान मिला है। जबकि पिछले साल की रिपोर्ट में बरेली को 113वां स्थान मिला था। इससे साफ होता है कि हालात सुधरने की बजाए और बिगड़ते चले गए।
इतने बढ़ गए वाहन
वर्ष 2014 में जहां आरटीओ में समस्त छोटे बड़े वाहन 414128 दर्ज थे, वही 2019 के अंत तक इनकी संख्या बढ़कर 684517 हो गई है। ऐसे में वाहनों से निकलने वाला धुंआ भारी मात्रा में हवा को दूषित कर रहा है।
इतनी घट गई हरियाली
शहर में लगातार पेड़ों का कटान हो रहा है वहीं पौधरोपड़ कागजों में किया जा रहा है इसका नतीजा है कि वर्ष 2015 में जहां शहर का 30 फीसदी हिस्सा हरियाली की जद में था जो कि वर्ष 2019 में घटकर 17 फीसदी ही रहे गया है।
पिछले माह इतना रहा औसतन पीएम 10
स्थान - पीएम 10 एमसीजी प्रतिक्यूबिक मीटर में
इज्जत नगर - 370
आईवीआरआई रोड - 370
चौपुला - 400
राजेंद्र नगर - 400
सिविल लाइंस - 250 से 270
जब हवा हुई जहरीली तो याद आया एक्शन प्लान
सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में बरेली के शामिल होने के बाद यूपीपीसीएल ने क्षेत्रीय कार्यालय को एक्शन प्लान जारी किया है जिसके आधार पर शहर में अभियान चलाकर एक्यूआई के ग्राफ को कम किया जाएगा।
प्रदूषण विभाग इस तरह करेगा काम
- ग्रीन एरिया का होगा विस्तार
- सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता
- वाहनों का पॉल्युशन चेक करने को टीमें गठित
- इंडस्ट्रीज का निरीक्षण कर परखी जाएंगी वेस्ट के निस्तारण की व्यवस्थाएं
पर्यावरणविद् की बात
पिछले कुछ सालों से लगातार एक्यूआई का ग्राफ बढ़ा है। अगर इस पर अंकुश नही लगा तो खुले में सांस लेना दूभर हो जाएगा।
डॉ। आलोक खरे, एचओडी, बॉटनी विभाग बीसीबी
ग्रीन पीस की रिपोर्ट में बरेली भी टॉप पॉल्युटेड सिटीज में शामिल है। एक्यूआई पर रोकथाम के लिए एक्शन प्लान तैयार किया गया है। शहर में व्यापक रूप से अभियान चलाया जाएगा।
रोहित सिंह, आरओ, पॉल्युशन डिपार्टमेंट।