बुराई के प्रतीक लंकापति रावण का भगवान श्रीराम ने किया वध

सत्य-धर्म की विजय पर भक्त हुए निकाल, गूंजे श्रीराम के जयकारे

ALLAHABAD: विजयदशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयदशमी शहर में पूरे उल्लास के साथ मनाया गया। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर धर्म व सत्य की विजय पताका फहराई। इसके साथ ही पूरा वातावरण श्रीराम के जयघोष से गूंज उठा। खास बात यह रही कि इस बार रावण दहन के साथ आतंकवाद का पुतला भी फूंका गया। श्री दारागंज एवं कटरा रामलीला कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में रावण वध अलोपीबाग स्थित रामलीला मैदान में हुआ। वध के पहले भगवान श्रीराम की सवारी श्रृंगार भवन दारागंज से उठकर लीला स्थल पर पहुंची। वहां लीला संयोजक स्वामी शिवमंगल दास के निर्देशन में श्रीराम रावण व आतंकवाद रूपी पुतले का दहन करते हैं। इसके बाद लीला दर्शन को पहुंचे भक्तों ने श्रीराम के जयकारे लगाये।

15 फुट ऊंचा रावण का पुतला

वहीं रावण वध की लीला में कटरा रामलीला कमेटी के सभी पदाधिकारियों ने ब्रह्महत्या से मुक्ति के लिए अलोपशंकरी मंदिर जाकर क्षमा याचना की। यहां महंत रामसेवक पुरी ने पूजन कराया। इस दौरान कुल्लू यादव, गोपालबाबू जायसवाल, विनोद चाचा, सखन यादव, अखिलेश निराला, अरविंद पांडेय आदि मौजूद रहे। श्रीमहंत बाबा हाथीराम पजावा रामलीला कमेटी द्वारा ककरहा घाट पर 15 फुट ऊंचे रावण के पुतले का दहन कराया गया। भगवान श्री राम ने जैसे ही रावण के पुतले को धराशायी किया। वहां उपस्थित जनसमूह ने करतल ध्वनि से इसका स्वागत किया।

बज उठे घंटा घडि़याल

इस दौरान लोगों ने घंटा-घडि़याल बजाते हुए आतिशबाजी करके खुशियां मनायी। मौके पर ओम प्रकाश सेठी, मोहन जी टंडन, श्यामजी अग्रवाल, रामजी मालवीय, पवन मालवीय, सचिन गुप्त आदि मौजूद रहे। श्रीपथरचट्टी रामलीला कमेटी की श्रीराम व रावण युद्ध की मोहक लीला हुई। इसमें रणभूमि में उतरे रावण पर श्रीराम वार करते हैं तो उसका सिर धड़ से अलग होकर दोबारा जुड़ जाता है। तब विभीषण की सलाह पर राम उसकी नाभि पर बाण मारते हैं। जिसके बाद रावण धराशायी होकर जमीन पर गिर पड़ता है। जबकि श्रीबाघम्बरी क्षेत्र श्री रामलीला कमेटी अल्लापुर द्वारा लीला स्थल पर 15 फीट के रावण के पुतले का दहन किया गया।