ऐसी है जानकारी

गौरतलब है कि अध्यादेश को औद्योगिक परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण को आसान बनाने के इरादे से लाया गया था। इससे पहले अध्यादेश को तीन बार जारी किया जा चुका है। वर्तमान अध्यादेश की अवधि 31 अगस्त को खत्म होने वाली है। विपक्ष के कड़े विरोध के चलते सरकार इसे संसद से पारित कराने में फिलहाल नाकाम रही है।

यहां बोले जेटली

रविवार को सरकार ने भूमि विधेयक पर एक बार फिर से अध्यादेश को लाने के बदले एक सांविधिक आदेश जारी किया है। इस आदेश के जरिए करीब 13 कानूनों के तहत अधिग्रहीत की गई भूमि के एवज में मुआवजा सुनिश्चित करने और भूमि धारकों के सुरक्षा उपाय व पुनरद्धार को सुनिश्चित किया जाएगा। एक कार्यक्रम में भाग लेने आए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ब्याज दर घटाने को लेकर ये बात कही कि आठ-दस फीसद विकास लक्ष्य हासिल करने के लिए ऐसा करना अब बेहद जरूरी हो गया था। इसके साथ ही उन्होंने रुकी हुई परियोजनाओं की समीक्षा करने पर भी जोर दिया।

कामकाज सरल बनाने की प्रक्रिया पर हो रहा काम

इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सरकार कामकाज करना सरल बनाने की प्रक्रिया पर लगातार काम कर रही है। सरकार दिवालिया कानून लाने, कराधान को तर्कसंगत बनाने व उपयुक्त सार्वजनिक वसूली नीति पर काम कर रही है। उनका कहना है कि ये कुछ क्षेत्र हैं जिनमें काम काफी आगे बढ़ चुका है। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों के बारे में आगे देखा जाएगा।

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